Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

गजल -आता है

 गजल -आता है सिद्धार्थ गोरखपुरी रह – रह कर ये अक्सर सवाल आता है के क्या कभी मेरा भी खयाल …


 गजल -आता है

सिद्धार्थ गोरखपुरी
सिद्धार्थ गोरखपुरी

रह – रह कर ये अक्सर सवाल आता है

के क्या कभी मेरा भी खयाल आता है

जवाब देने में कश्मकश बहुत है मगर 

कहना पड़ता है के बहरहाल आता है

पुरानी यादों के पन्ने अब पलटते हैं ऐसे 

जैसे पुराने साल के बाद नया साल आता है

उसकी बातों में अद्भुत जादू है मानो 

यार! उसे बात करना वाकमाल आता है

फक्र है उसको मुझे जस का तस पाया

बात चलती है तो मेरा मिशाल आता है 

माना वो आ नहीं सकता हर पल 

मगर उसका मशवरा तत्काल आता है

-सिद्धार्थ गोरखपुरी


Related Posts

Uthaane Ke Liye Toofaan Aaya Kahan Se Hai

October 1, 2022

Uthaane Ke Liye Toofaan Aaya Kahan Se Hai उठाने के लिए तूफ़ाँ आया कहाँ से है लुटाने के लिए रिश्वत

Wafa Ka Bil Chukaana Bhi Nahi Aata

October 1, 2022

Wafa Ka Bil Chukaana Bhi Nahi Aata वफ़ा का बिल चुकाना भी नहीं आता ख़फ़ा से दिल लगाना भी नहीं

Haal Hai Dil Ka Jo Kya Batayen Tujhe

October 1, 2022

Haal Hai Dil Ka Jo Kya Batayen Tujhe हाल है दिल का जो क्या बताएँ तुझे शाम में भी फ़ना

Kisi Ka Gam Uthaana Haan Chunauti Hai

October 1, 2022

 Kisi Ka Gam Uthaana Haan Chunauti Hai किसी का ग़म उठाना हाँ चुनौती है किसी को अब हँसाना हाँ चुनौती

Dil Ke Samandar Ko Uthaane Ka Waqt Aaya Hai

October 1, 2022

Dil Ke Samandar Ko Uthaane Ka Waqt Aaya Hai दिल के समंदर को उठाने का वक़्त आया है अपने मसाइल

Hawaaon ki Tarah Tujhko Chanla Hoga

October 1, 2022

Hawaaon ki Tarah Tujhko Chanla Hoga हवाओं की तरह तुझको चलना होगामुसीबत के तले तुझको पलना होगा हमारा घर सबा

Leave a Comment