गुमशुदा जरा लिख तहरीर मेरी

गुमशुदा जरा लिख तहरीर मेरी ऐ थाना – ए – गुमशुदा जरा लिख तहरीर मेरीखो गया हैं सुकून और अच्छी वाली तक़दीर मेरी स्याह रातों में मैं होता हूं खुद के हवालेबेजान से शबिस्तान में हर चाह टाले ख्वाब बिखरे हैं रातों में क़त्ल होकरअरे यही तो थे बस जागीर मेरीऐ थाना – ए – … Read more

कविता – नारी | kavita Naari| naari par kavita

कविता – नारी | kavita Naari| Naari par kavita  जिम्मेदारियों का बोझ जिसके सरहोता हैवही जानता है कैसे गुजर – बसरहोता हैघर में क्या है क्या नहीं ये जानता भी हैक्या कोई?संभाले रखती है ताउम्र तब जाके घर!घर होता है सबको खिला देना तब जाकर खुदखानासबको रौशन करना और आहिस्ते सेबुझ जानाक्या उसके गम का … Read more

कविता – पर्यावरण| kavita -paryavaran

कविता – पर्यावरण पर्यावरण है प्रकृति का आख़र सूरज , चंदा, धरती और बादरप्रकृति का अद्भुत चहुँदिशि घेराचंदा डूबा फिर हुआ सवेरा कौन इन सबसे अनजाना होगापर्यावरण को सदा बचाना होगा अंबर नीला, पीले खेतकल – कल नदियाँ सुफ़ेद रेतसमंदर गहरा, ऊँचा पहाड़लपटी लता और पेड़ -ए -ताड़कौन इन सबसे अनजाना होगापर्यावरण को सदा बचाना … Read more

गीत साढ़े सोलह कदम/sadhe-solah-kadam

गीत साढ़े सोलह कदम न पूछ के किस – किस तरहा से मजबूर हूँअपनी रफ्तार से बस साढ़े सोलह कदम दूर हूँजिन्दगी मजबूर होना चाहती है! तो हो जाएमैं तो वैसे ही एक अरसे से चकनाचूर हूँअपनी रफ्तार से बस साढ़े सोलह कदम दूर हूँकोशिश लाख की है वक्त ने के तोड़ डालूँमैं अब भी अड़ा … Read more

गीत -घर साथ चले

गीत -घर साथ चले रजा है के दुआओं का असर साथ चलेके मैं जब शहर जाऊँ तो घर साथ चलेमुझे डराने वैसे बहुत से हैं हालात चलेकभी मंजिल चले तो कभी ताल्लुकात चलेसबकी सुनते हो तो मेरी भी सुन लेनाके मैं जब शहर जाऊँ तो घर साथ चलेवीरान गलियां और विराना रस्तागुजरा कोई अरसे से … Read more

समझो

 ग़ज़ल –समझो ख्वाहिश नहीं के मुझे कीमती असासा समझोमुक़म्मल भले न समझो मगर जरा सा समझो ये जो मैं हूँ, पहले ये मैं था ही न कभीसमझ सको तो मुझे वक्त का तरासा समझो बुझता दिख रहा हूँ मगर बुझा नहीं हूँ मैंबुझते दीये के जलती लौ की मुझे आशा समझो ख्वाहिश! जब ख्वाहिश की … Read more

कविता – मोहन

कविता – मोहन मोहन! मुरली से प्रीत तुम्हारीअगाध अनन्त हुई कैसेप्रीत में पागल मीराबाईमन से सन्त हुई कैसे राधा ने दुनियादारी त्यागीऔर तुम्ही को साध लियानिज प्रेम के अटूट सूत्र सेप्रेम से तुमको बांध लियातुमको प्रीत गोपियों सेबताओ भगवंत हुई कैसेमोहन! मुरली से प्रीत तुम्हारीअगाध अनन्त हुई कैसे राधा को भी एक दिनचुपके से तुम … Read more

गर मुश्किलों में रखकर तूँ कोई हल निकाले

गर मुश्किलों में रखकर तूँ कोई हल निकाले गर मुश्किलों में रखकर तूँ कोई हल निकालेजो टूट मैं गया तो रखना थोड़ा सम्भाले आंसुओं की बारिश हो रही मुसलसलसैलाब आ रहा है अब तो मुझे बचा ले मैं तेरा हूँ! ये हरदम कहता था तूँ मुझी सेतो.. ले मैं कर रहा हूँ खुदको तेरे हवाले … Read more

कविता – न मिला

कविता – न मिला एक उम्र खरच कर कुछ न मिलातुमको क्या पता सचमुच न मिलाक्या हुआ है कोई धरती परके जिसको थोड़ा भी दुःख न मिला अपार हर्ष के साथ सहर्षनिज आगमन को स्वीकार कियाकुछ ही सपनों का जीवन मेंफिर से जीर्णोद्धार कियाधीरज को जेहन तक ले जाएऐसा कोई सम्मुख न मिलाक्या हुआ है … Read more

गीत -श्याम से

गीत -श्याम से श्याम के भक्तों ने कह डाला है अबतो श्याम सेराधा की है पैरवी बस श्याम से घनश्याम से श्याम के भक्तों ने कह डाला है अब तो श्याम से जो कान्हा को जानते हैं और उनको मानते हैंमाधव को गलत कहूंगा मन ही मन वे ठानते हैंश्याम हैं बस मौन और कुछ … Read more