दीपक का उजाला

दीपक का उजाला

 गाँव के किनारे एक छोटा-सा स्कूल था। इस स्कूल के शिक्षक, नाम था आचार्य देवदत्त, अपने समय के सबसे विद्वान और सरल हृदय व्यक्ति माने जाते थे। उनकी उम्र लगभग 60 वर्ष हो चुकी थी, लेकिन उन्होंने कभी खुद को रिटायर करने की बात नहीं सोची। उनका मानना था कि सच्चा शिक्षक तब तक शिक्षित … Read more

Story parakh | परख

 Story parakh | परख “क्या हुआ दीपू बेटा? तुम तैयार नहीं हुई? आज तो तुम्हें विवेक से मिलने जाना है।” दीपिका को उदास देखकर उसके दादा जी ने उससे पूछा। “तैयार ही हो रही हूँ दादू।” दीपिका ने बुझे मन से कहा। “पर तुम इतनी उदास क्यों हो?” “पापा ने मुझे कहा है कि आज … Read more

लघुकथा -बेड टाइम स्टोरी | bad time story

लघुकथा -बेड टाइम स्टोरी “मैं पूरे दिन नौकरी और घर को कुशलता से संभाल सकती हूं तो क्या अपने बच्चे को अकेली नहीं संभाल सकती? आधुनिक जमाने की आधुनिक मां हूं और बच्चे की देखभाल की सभी आधुनिक पद्धतियों से परिचित हूं। पूरे दिन की थकान के बाद भले ही अपने बच्चे को कहानियां नहीं … Read more

LaghuKatha – peepal ki pukar | पीपल की पुकार

लघुकथा  पीपल की पुकार ‘दादी मां दादी मां, आपके लिए गांव से चिट्ठी आई है’, 10 साल के पोते राहुल ने अपनी दादी को पुकारते हुए कहा। मेरे लिए चिट्ठी, भला किसने लिख दी, दादी ने अचंभित होकर कहा। ‘पता नहीं, अभी एक भैया चिट्ठी देकर गए’, राहुल ने उत्तर दिया।दादी मां ने चिट्ठी देखी … Read more

Story – mitrata | मित्रता

मित्रता  बारिशें रूक गई थी, नदियाँ फिर से सीमाबद्ध हो चली थी, कीचड़ भरे मार्गों का जल फिर से सूरज ने सुखा दिया था , राम और लक्ष्मण , सुग्रीव कीप्रतीक्षा में व्याकुल हो रहे थे, दिन बीत रहे थे , उन दोनों की भावनायें संतुलित रहने के लिए उनका पूरा नैतिक, शारीरिक बल माँग … Read more

Story – prayatnsheel | प्रयत्नशील

प्रयत्नशील भोजन के पश्चात विश्वामित्र ने कहा, ” सीता तुम्हें क्या आशीर्वाद दूँ, जो मनुष्य अपनी सीमाओं को पहचानता है, वह परिपूर्ण हो जाता है, इस जंगल में , इस कुटिया को तुमने अपनी सह्रदयता से राजधानी बना दिया है, तुम्हारे परिश्रम का फल यहां आने वाले प्रत्येक अतिथि को यूँ ही मिलता रहे इसकी … Read more

Story – praja Shakti| प्रजा शक्ति

प्रजा शक्ति  युद्ध का नौवाँ दिन समाप्त हो चुका था। समुद्र तट पर दूर तक मशालें ही मशालें दिखाई दे रही थी । आज युद्ध के पश्चात कुछ सैनिक लंका में घुस गएथे, और वहाँ से मदिरा, भोजन, तथा विलास की कुछ अन्य सामग्री लूट लाए थे। अब वह विजय के प्रति निश्चिंत थे, रावण … Read more

Story- bhagya nirmata |भाग्य निर्माता

भाग्य निर्माता काली अँधेरी रात में राम जाग रहे थे, यह वर्षा ऋतु उन्हें शत्रु प्रतीत हो रही थी ।यह थमे, कीचड़ भरे रास्ते , फिर से राह दें तो राम अंगद को दूत बनाकर भेजें, सदा स्थिर रहने वालेराम आज अस्थिर अनुभव कर रहे थे । यह पिछले वर्ष की ही तो बात है … Read more

Ram Sita aur laxman ka sapna| राम , सीता और लक्ष्मण का सपना

राम , सीता और लक्ष्मण का सपना  पूर्णाहुति के पश्चात ऋषि पत्नी मंच पर खड़ी हो गईं , “ आप सब अतिथियों को प्रणाम करती हूँ और आभार व्यक्त करती हूँ कि आपने हमारे निमंत्रण का मान रखते हुए , दूर दूर से यहां पधारने का कष्ट किया, और हमारे आश्रम का आतिथेय स्वीकार किया। … Read more

Story – Ram Sita | राम सीता

राम सीता  बनवास में रहते हुए दस वर्ष हो चुके थे , इतने वर्ष घर से दूर रहने के कारण तीनों के मन में थोड़ी उदासी छाने लगी थी , परन्तु इसकी चर्चा कोई नहीं कररहा था। एक दिन सीता ने राम से कहा , “ लक्ष्मण आजकल बहुत गुमसुम रहते हैं। ” “ हाँ … Read more