Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

geet, Siddharth_Gorakhpuri

गीत -श्याम से

गीत -श्याम से श्याम के भक्तों ने कह डाला है अबतो श्याम सेराधा की है पैरवी बस श्याम से घनश्याम …


गीत -श्याम से

श्याम के भक्तों ने कह डाला है अबतो श्याम से
राधा की है पैरवी बस श्याम से घनश्याम से

श्याम के भक्तों ने कह डाला है अब तो श्याम से
जो कान्हा को जानते हैं और उनको मानते हैं
माधव को गलत कहूंगा मन ही मन वे ठानते हैं
श्याम हैं बस मौन और कुछ भी न बोलते हैं
राज क्या है इसके पीछे क्यूँ कभी न खोलते हैं
भक्तों की बातों को बस वे सुनते हैं आराम से
श्याम के भक्तों ने कह डाला है अबतो श्याम से
राधा की है पैरवी बस श्याम से घनश्याम से

निज नाम में राधा लगाकर चल गए जाने कहाँ
वृन्दावन में थे उगे फिर ढल गए जाने कहाँ
क्या कहा था ऊधो से के भूल जाएं गोपियाँ
राधा की रुकीं क़भी न बेपरवाह सिसकियां
दुःख असीम हुआ था सबको श्याम के पैगाम से
श्याम के भक्तों ने कह डाला है अबतो श्याम से
राधा की है पैरवी बस श्याम से घनश्याम से

श्याम को अपनी गलतियों पर होता पश्चाताप हैं?
साथ में पूजा है होती पर भाव में विलाप है
ब्रज की गलियां आज भी उस साँवरे को ढूंढ़तीं हैं
राधा -रानी आओगे एक – दूजे से पूछतीं हैं
राधा का मिलन कब होगा बनवारी घनश्याम से
श्याम के भक्तों ने कह डाला है अबतो श्याम से
राधा की है पैरवी बस श्याम से घनश्याम से

About author

-सिद्धार्थ गोरखपुरी

-सिद्धार्थ गोरखपुरी


Related Posts

कविता – बे-परवाह जमाना

September 1, 2022

कविता – बे-परवाह जमाना ये मन अक्सर बुनता रहता है ,ख्वाबों का ताना बाना ।दिल भी अक्सर छेड़े रहता है

कविता – नयन

September 1, 2022

कविता – नयन दोनों नयन सावन बनकररिमझिम – रिमझिम बरसात करेंसमझ तनिक आता ही नहींके कितने हैं जज़्बात भरे मौन

कविता -शहर चलाता है

September 1, 2022

रिक्शा, ऑटोरिक्शा, इलेट्रिक रिक्शा चलाने वाले भाईयों को समर्पित रचना कविता -शहर चलाता है जो बिना थके सारा शहर चलाता

कविता -आधा

September 1, 2022

कविता -आधा जब भी इस दुनिया से मैं खुद को साझा करता हूँमानो लगता है मुझको के खुद को आधा

गीत – सूरत -ए -शिवाला

September 1, 2022

गीत – सूरत -ए -शिवाला शिव का रंग चढ़ने लगा हैशिवाला भी सजने लगा हैभोले बाबा का गानामंदिर पे बजने

कविता – शिव और सावन

September 1, 2022

कविता – शिव और सावन सावन शिव हुए अवतरित धरती परसावन में निज ससुराल गएहुआ अर्घ्य और जलाभिषेक से स्वागत

Leave a Comment