kavita – Gyani abhimani mosam khan alwar
अज्ञानी अभिमानी सबसे अच्छा है तू इंसान , सबसे ज्यादा है तेरा सम्मान,, पल भर की ये तेरी …
Related Posts
Chor chhipa baitha hai man me by dr hare krishna mishra
June 27, 2021
चोर छिपा बैठा है मन में चोर छिपा बैठा है मन में मैं ढूंढ रहा हूं दूसरे तन में, कैसी
Samvedna viheen hm dr hare krishna mishra
June 27, 2021
संवेदना विहीन हम संवेदना विहीन हम बांट पाय दर्द कौन। अनाथ तो बना गया, प्रकृति भी मौन क्यों ? दर्द
Hamare Sanskar by sudhir srivastav
June 27, 2021
हमारे संस्कार माना कि आधुनिकता का मुलम्मा हम पर चढ़ गया है, हमनें सम्मान करना जैसे भुला सा दिया है।
kavita Surma by kamal siwani
June 27, 2021
शूरमा जीवन मग में चलना तो , बस सदा अकेले पड़ता । शूरमा जो होता वह रण में , निपट
एक रूपया-सिद्धार्थ पाण्डेय
June 27, 2021
एक रूपया एक रुपया में खुश हो जाने वाले ,दिन की बात निराली थी। जेबें तो लिबाज़ में अनेकों थीं,पर
Sukh dukh ki kahani by siddharth pandey
June 27, 2021
सुख दुःख की कहानी आँखों में उसने तराशी हैं खुशियां , न ढूँढ़ पाना तो अपनी नाकामी। ख़ुशी उसने बख्शी
