Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

poem

kavita barkha shweta tiwari Mp.

बरखा बरखा रानी आओ ना  बूंद बूंद बरसाओ ना तपती धरती का व्याकुल अंतर्मन  क्षुब्ध दुखी सबका जीवन  शीतल स्पर्श …


बरखा

kavita barkha shweta tiwari Mp

बरखा रानी आओ ना 

बूंद बूंद बरसाओ ना

तपती धरती का व्याकुल अंतर्मन

 क्षुब्ध दुखी सबका जीवन 

शीतल स्पर्श कर जाओ ना

 बूंद बूंद बरसाओ  ना

बासी बासी लगती सृष्टि 

धूल ही धूल जहां तक दृष्टि

 ठंडा स्नान कराओ ना

 बूंद बूंद बरसाओ  ना

चमक उठे पेड़ और पौधे

 धरती फिर हरियाली चूनर ओढे

नव श्रृंगार सजाओ ना

बूंद बूंद बरसाओ  ना

धुल जाए यह धरा का जहर

 जीवों में हो खुशी की लहर

एक बार फिर हर्षाओ ना

बूँद बूँद बरसाओ ना

घुमड़ घुमड़ कर बादल बरसे

धरती से आलिंगन को तरसे

सुखद मिलन करवाओ न

बूँद बूँद बरसाओ ना

                              –  श्वेता तिवारी

                                  रीवा मध्यप्रदेश

                               स्वरचित,,मौलिक


Related Posts

Peele Peele phoolon me ab jakar gungunana hai

February 8, 2021

 ग़ज़ल पीले पीले फूलों में अब जाकर गुनगुनाना हैरोने वाले को हंसाना है सोने वाले को जगाना है समय के

Zindagi me mere aana tera

February 6, 2021

 ग़ज़ल  ज़िन्दगी में मेरे आना तेरा प्यार हर पल मेरा, निभाना तेरा भूल जाऊं मैं कैसे तुझको सनम प्यार गंगा

Ishq me ankho se ashq ka behna jaruri

January 4, 2021

 Ishq me ankho se ashq ka behna jaruri यह गीत  ,कवि C. P. गौतम द्वारा रचित है , कवि C.

Bhatakte naav ka kinara ho tum – kavya

January 4, 2021

Bhatakte naav ka kinara ho tum – kavya यह काव्य ,कवि C. P. गौतम द्वारा रचित है , कवि C.

Beete lamho me jeena, zahar jaise peena

November 20, 2020

गीत तुम जहाँ भी रहोग़म का साया न होप्यार तुमको मिलेदर्द आया न होइस दीवानें की खुशियाँतुम्हें ही मिलेमाफ करना

swatantra prem aur partantra prem-kavya

November 15, 2020

swatantra prem aur partantra prem-kavya स्वतंत्र प्रेम और परतंत्र प्रेम -काव्य   जब प्रेम स्वतंत्र बहता है,बहती  है मोहक खुशियां, होता

Leave a Comment