Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

poem

kavita anpadh beti by mosam khan alwar

नमस्कार साथियों मै मौसम खान मेवात अलवर राजस्थान से हूं मेरी ये कविता में मेवाती में लिख रहा हु जिसमे …


नमस्कार साथियों मै मौसम खान मेवात अलवर राजस्थान से हूं मेरी ये कविता में मेवाती में लिख रहा हु जिसमे एक अनपढ़ बेटी पढ़ने की जिद्द करती है गौर फरमाए , 

अनपढ़ बेटी

kavita anpadh beti by mosam khan alwar
मेरी होगी है अब टेम पढ़न कू में तो जाऊ,
मोकु देदे मेरी माई पेन किताब लेके,
मेरी होगी है अब,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
मां
कहा करेगी पढ़ लिख कर कहा तू बनजावेगी,
ऐसी क़िस्मत कहा हमारी नौकरी लगवजावेगी,
घर को काम सीख ले नहीं जिंदगी बिगड़ जावेगी,
मेरी कर इज्ज़त को ख्याल काई लू ज़िद्द पे अड़ री।।
तू सुन ले काई की और काई लू मन की कर री।।

बेटी
जा घर में पढ़ जावे बेटी वाकी किस्मत खुल जावे,
मेहनत कर के पड़जावे तो नौकरी भी लगजावे,
बेटी काई सु कम ना है नाम रोशन करजावे,
कल्पना चावला है देख नाम दुनिया में करगी,
सारी दुनिया कर री है याद नाम भारत को करगी।।

मोकु देदे मेरी माई पेन किताब,,,,,,,,,,,,,,,,,

बाप
भाई तेरा पढ़ रा है उनको बोहोत खर्चों है,
मिलकर तम सब पढ़ेगा और घर को भी तो खर्चों है
तेरा करना पीला हाथ देहज को और घनों खर्चों है,
गेहूं पक गा है खेतन में जा के लावनी करले
बेटी को प्यारो काम ,काम तू घर को करले।।

बेटी
बाबा माेकू नू बतादे बेटी क्या संतान नही,
बेटा को तो दूध पिलाते बेटी को क्या छाछ नही,
बेटा जावे पढ़न कोलिज में बेटी को अक्षर ज्ञान नहीं,
बाबा सुन्यो मेरी बात परायों धन मत समझे,
तेरो ऊचो करूंगी नाम पढ़न को मोको देदे।।

मोकू देदे मेरी माई पेन किताब,,,,,,,,
मेरी होगी है,,,,,,,,,,,,,,,,,,

बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ
स्वरचित मेवाती बोल

मौसम खान (अलवर,) राजस्थान
Click here👉 Like us on Facebook
Click here👉 Follow us on Instagram


Related Posts

Jeevan ki pagdandi par by anishk

March 9, 2024

जीवन की पगडंडी पर जीवन की पगडंडी पर जीवन की पगडंडी परचलते-चलते जब शाम हुई,पैरों में तिनके लिपटे सेनींदें रातों

Stree | स्त्री पर कविता

March 8, 2024

स्त्री माँ , बहन,मित्र, प्रेमिका,सबमें मैंने देखी थोड़ी-थोड़ी स्त्री,किंतु विवाह के बाद पत्नी से मिल,मूड स्विंग जैसे नये टर्म सीखे,मैंने

रामराज्य लाते हैं | ramrajya laate hai

January 21, 2024

रामराज्य लाते हैं आओ सनातनियों हम सब मिल-जुल कर, एक बार फिर से भारत में रामराज्य लाते हैं। ऊंच-नीच, अमीरी-गरीबी,

नववर्ष-2024 | kavita navvarsh-2024

January 2, 2024

नववर्ष-2024 सुनो दिकु….. इस नववर्ष में लौट आनातुम्हारी यादों से यह दिल को अब और ना बहलाना बातें बहुत-सी हो

दिकुप्रेम | dikuprem

December 31, 2023

दिकुप्रेम सुनो दिकु… में ठीक हूँतुम अपना ख्याल रखनामेरी फिक्र में मत रहना कोई भी आये परेशानी अगरहौंसला रखना खुद

तुम और मैं | Tum aur main

December 30, 2023

 तुम और मैं तुम घुमाते बल्ला क्रिकेट के,मैं घुमाती कंघी बालों में  तुम बात करते किताबों से, मैं बनाती बातें

1 thought on “kavita anpadh beti by mosam khan alwar”

Leave a Comment