Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

Bhaskar datta, poem

Kavita : चीन का हर माल ख़तरनाक

चीन का हर माल ख़तरनाक मैंने निजात पाया हैहर उस चीज़ पर शिवाय उसकेजो कमबख़्त चीन की डायनामाइट छछूंदर हैकितनी …


चीन का हर माल ख़तरनाक

मैंने निजात पाया है
हर उस चीज़ पर
शिवाय उसके
जो कमबख़्त चीन की
डायनामाइट छछूंदर है
कितनी बेशरमियत
कितना बेहया
कितना बेमुरव्वत
कितना हरजाई है
कि तेरा “चीन”
अब शहर-ए
मुहब्बत में
मानवीय मूल्यों का
पहाड़ा
एक नहीं
दो नहीं, बल्कि
संपूर्ण विश्व को
घर-घर में
मुफ़्त
बिल्कुल मुफ़्त
दे रहा है
इसके लिए
कई जगह
मुस्तैदी से खड़े हैं
तमाम सम्मानित सुरक्षाकर्मी
आपकी प्रतीक्षा में
आपको लाईलाज
ठीक कर देंगे
इसकी तो गारंटी है
वैसे चीन का हर माल
सस्ता और गंदा होता था
गंदा इस अर्थ में कि
सिर्फ गरीबों को मारता था
और साथ में कोई गारंटी भी नहीं देता था
विपरीत इन समस्त मालों के
यह अमीरों को जल्दी पकड़ता है
बिल्कुल फुल गारंटी
और लाइफटाइम अचीवमेंट के साथ
क्योंकि यह सस्ता नहीं है
इसलिए औरों से टिककर
ज्यादा चलता और चलाता है
नाम बताने पर शायद
हम सब आतंकित हो जायें
इससे पहले आप सभी
सुरक्षित और सतर्क हो जायें…

About author

भास्कर दत्त शुक्ल  बीएचयू, वाराणसी
भास्कर दत्त शुक्ल
 बीएचयू, वाराणसी

Related Posts

kavita Bebasi by Namita Joshi

May 31, 2021

  बेबसी हर सूं पसरा है सन्नाटा, हर निगाह परेशान क्यूँ है। गुलजा़र था जो मैदान कभी कहकहों से, आज

kavita purane panne by Anita sharma

May 31, 2021

पुराने पन्ने चलो पुराने पन्नों को पलटाये,फिर उन पन्नों को सी लेते हैं।उसमें दबे अरमानो में से ही,कुछ अरमान जीवन्त

kavita shahar by Ajay jha

May 31, 2021

शहर. मैं शहर हूँ बस्तियों की परिधि में बसा मजबूर मजलूम पलायित नि:सरित श्रम स्वेद निर्मित अभिलाषा लिए अतीत का

kavita meri kavitaon mein jitendra kabir

May 31, 2021

मेरी कविताओं में… मेरी कविताओं में है… तुमसे जो मिली थी पहली नजर और उसके बाद निहार पाया तुम्हें जितना

Gazal – kya karu by kaleem Raza

May 31, 2021

ग़ज़ल – क्या  करू मै  तुम कहो तो अश्क आंखो से गिराऊं क्या बैठकर मै पास हाले दिल सुनाऊं क्या

kavita Dhairya na khona tum. samunder singh

May 31, 2021

कविता – धैर्य न खोना तुम आँसू से मुँह न धोना तुम। जीवन में धैर्य न खोना तुम।हर दिन सपने

Leave a Comment