कविता – तितली | kavita Titli
कविता :तितली | kavita – Titli आसमान है रंग-बिरंगीरातों की झिलमिल-झिलमिलऔ तारों की चमक सुनहलीतितली के पंखों – सी उड़ी हुई तितली पूछो कहां तुम्हारा घर है?कहां तुम्हें मिलती है इतनीरंग-बिरंगी आज़ादी …. या फिर रखती हो पौधों परअपने रस का स्वर संवेदऔर अगर तुम बतलाओगीअपनी उड़न कहानी तो … ग़ायब होते देश बिक रहे … Read more