Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

Bhaskar datta, poem

Kavita :आत्मायें मरा नहीं करती

आत्मायें मरा नहीं करती आत्मायें मरा नहीं करतीमैंने बचपन में सुना थाकिसी नायाब मुख से वे जिंदा रहती हैंअपने खेतों- …


आत्मायें मरा नहीं करती

Kavita :आत्मायें मरा नहीं करती

आत्मायें मरा नहीं करती
मैंने बचपन में सुना था
किसी नायाब मुख से
वे जिंदा रहती हैं
अपने खेतों- खलिहानों में
एक नन्हें पौधे की तरह
पर आज ?
आज आत्मायें ही नहीं हैं,
तो जीवन का प्रश्न कैसा ?
वे मर चुकी हैं वैसे
जैसे नीत्शे ने कहा था
ईश्वर के लिए!!!

About author

भास्कर दत्त शुक्ल  बीएचयू, वाराणसी
भास्कर दत्त शुक्ल
 बीएचयू, वाराणसी


Related Posts

सफलता सांझी है | safalta saanjhi hai

March 28, 2024

सफलता सांझी है मत भूल सफलता सांझी है,कुछ तेरी है, कुछ मेरी है ।मां -बाप और बच्चे सांझे है,कुछ रिश्ते

जीवन को सफल बनाना है | jeevan ko safal banana hai

March 28, 2024

जीवन को सफल बनाना है निंदा, चुगली का ज़हर,ना जीवन में घोलो,यही तो है रिश्तों में दीमक,इन से बस तौबा

होली के रंग | Holi ke rang

March 24, 2024

होली के रंग लाल गुलाबी नीले पीले,कई रंगों से रंगी हुई होली आई होली आई, धरती लग रही सजी धजीरंग

कविता –अभिलाषा| kavita -Abhilasha

March 24, 2024

अभिलाषा अपने ही नभ में उड़ना मुझको,अपना संसार बनाना है। कोमल मन की अभिलाषा है,अंबर से ऊपर जाना है।कुरीतियों की

Kavita : सपने | sapne

March 24, 2024

सपने सपने देखो, और फिर अपने सपने साकार करो। इन सपनों को पाने के लिए, मेहनत तुम लगातार करो।नहीं थकना

Kavita : सबला नारी | sabla naari

March 24, 2024

सबला नारी किसने कहा अबला है नारी, नारी तो सब पर भारी है।मां,बहन, बेटी या सखी, सब के रूपों में

Leave a Comment