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Gazal, Muhammad Asif Ali

Jalti Hui Basti Ko Koi Bujhaane Nahi Waala

Jalti Hui Basti Ko Koi Bujhaane Nahi Waala बहर – 2212 2222 2122 1222 जलती हुई बस्ती को कोई बुझाने …


Jalti Hui Basti Ko Koi Bujhaane Nahi Waala

बहर – 2212 2222 2122 1222
जलती हुई बस्ती को कोई बुझाने नहीं वाला
ढहती हुई मिटटी को कोई उठाने नहीं वाला
अपने परों से उड़ना है अब तुझे आसमानों में
सहमे हुए दिल को कोई भी सजाने नहीं वाला
नाकाम होकर भी उसने दाग़ मुझ पर लगा डाला
बढ़ती अदावत को कोई भी घटाने नहीं वाला
आओ उसे भी उसका बदला दिलाते हुए जाएँ
हक़ तो हुकूमत से यूँ कोई जताने नहीं वाला
अपनी रज़ामंदी या अपनी ख़ुशी चाहिए सबको
इक दूसरे की अब कोई भी चलाने नहीं वाला
हर घाव तेरा, रंजिश तेरी हुकूमत हिलाती है
यूँ सामने तेरे हाकिम भी चलाने नहीं वाला
आराम करना है तो अब सोचना ही पड़ेगा कुछ
यूँ बैठकर तो “आसिफ़” कोई खिलाने नहीं वाला

About author

Muhammad Asif Ali
Name – Muhammad Asif Ali
नाम – मुहम्मद आसिफ अली
From – Kashipur, Uttarakhand, India
DOB – 13 March 2001
Website –  https://authorasifkhan.blogspot.com/ 

Description – Muhammad Asif Ali is an Indian poet and author from Kashipur, Uttarakhand, India. He is the founder and CEO of Youtreex Foundation and co-founder of Prizmweb Technologies.


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