Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

kishan bhavnani, poem, vyang

व्यंग्य कविता-नियमों कानूनों की धौंस बताता हूं niyamo kanoono ki dhaus batata hun

यह  व्यंग्यात्मक कविता हर शासकीय कार्यालय में लटकाने, भटकाने और माल चटकाने की प्रथा पर व्यंग्यात्मक कटाक्ष पर आधारित है  …


यह  व्यंग्यात्मक कविता हर शासकीय कार्यालय में लटकाने, भटकाने और माल चटकाने की प्रथा पर व्यंग्यात्मक कटाक्ष पर आधारित है 

व्यंग्य कविता-नियमों कानूनों की धौंस बताता हूं

चेयरपर बैठने के बाद अपनी स्यानपत्ती चलाता हूं
जनता के कामों में रोड़े अटकाता हूं
मलाई हरे गुलाबी का इशारा देता हूं
नियमों कानूनों की धौंस बताता हूं

ऊपर से मिली हिंट दिशानिर्देशों पर काम करता हूं
अर्जियों को हवा में उड़ा देता हूं
ऊपरसे नीचेतक हिस्सेदारी पर काम करता हूं
नियमों कानूनों की धौंस बताता हूं

डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर को भी चलाता हूं
बड़े हिसाब से खूंटी गढ़ाता हूं
डिजिटल काम भी चालाकी से लटकाता हूं
नियमों कानूनों की धौंस बताता हूं

हम सभी कर्मचारी हमाम में वो हैं समझता हूं
कोई किसी की पोलपट्टी नहीं खोलता जानता हूं
निलंबित होकर फ़िर वापस आ जाता हूं
नियमों कानूनों की धौंस बताता हूं

पद पर लगे का ब्याज सहित वसूलता हूं
छोटे-छोटे कामों का भी बड़ा बड़ा लेता हूं
कंप्लेंट का डर नहीं क्योंकि हिस्सा पहुंचाता हूं
नियमों कानूनों की धौंस बताता हूं

About author

Kishan sanmukh

-संकलनकर्ता लेखक – कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र


Related Posts

Aye dil aao tumhe marham lga du

July 16, 2020

दोस्तों आज हम आपके लिए लाए है एक खूबसूरत रचना Aye dil aao tumhe marham lga du. तो पढिए और आनंद

Previous

Leave a Comment