Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

poem, satyawan_saurabh

मंगल हो नववर्ष| navvarsh par kavita

मंगल हो नववर्ष मिटे सभी की दूरियाँ, रहे न अब तकरार। नया साल जोड़े रहे, सभी दिलों के तार।। बाँट …


मंगल हो नववर्ष

मंगल हो नववर्ष| navvarsh par kavita
मिटे सभी की दूरियाँ, रहे न अब तकरार।

नया साल जोड़े रहे, सभी दिलों के तार।।

बाँट रहे शुभकामना, मंगल हो नववर्ष।
आनंद उत्कर्ष बढ़े, हर चेहरे हो हर्ष।।

माफ करो गलती सभी, रहे न मन पर धूल।
महक उठे सारी दिशा, खिले प्रेम के फूल।।

छोटी सी है जिंदगी, बैर भुलाये मीत।
नई भोर का स्वागतम, प्रेम बढ़ाये प्रीत।।

माहौल हो सुख चैन का, खुश रहे परिवार।
सुभग बधाई मान्यवर, मेरी हो स्वीकार।।

खोल दीजिये राज सब, करिये नव उत्कर्ष।
चेतन अवचेतन खिले, सौरभ इस नववर्ष।।

आते जाते साल है, करना नहीं मलाल।
सौरभ एक दुआ करे, रहे सभी खुशहाल।।

About author

Satyawan saurabh
 डॉo सत्यवान ‘सौरभ’
कवि,स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभकार, आकाशवाणी एवं टीवी पेनालिस्ट,
333, परी वाटिका, कौशल्या भवन, बड़वा (सिवानी) भिवानी, हरियाणा – 127045
facebook – https://www.facebook.com/saty.verma333
twitter- https://twitter.com/SatyawanSaurabh


Related Posts

swatantra prem aur partantra prem-kavya

November 15, 2020

swatantra prem aur partantra prem-kavya स्वतंत्र प्रेम और परतंत्र प्रेम -काव्य   जब प्रेम स्वतंत्र बहता है,बहती  है मोहक खुशियां, होता

Mere Dil Ne Uff Tak Na Ki

November 15, 2020

Mere Dil Ne Uff Tak Na Ki|मेरे दिल ने उफ्फ तक ना की  खाई थी गहरी चोट घाव भी था

poem- phul sa jis ko mai samjha

November 15, 2020

 poem- phul sa jis ko mai samjha    तुमको चाहा तुमको पायातुमको मैंने खो दियाजब भी तेरी याद आईसीपी शायर

Aye dil aao tumhe marham lga du

July 16, 2020

दोस्तों आज हम आपके लिए लाए है एक खूबसूरत रचना Aye dil aao tumhe marham lga du. तो पढिए और आनंद

Previous

Leave a Comment