पर्यावरण एवं स्वास्थ्य को निगलते रासायनिक उर्वरक

पर्यावरण एवं स्वास्थ्य को निगलते रासायनिक उर्वरक रासायनिक उर्वरकों के दुष्प्रभावों को हल करने में लगेंगे कई साल, वैकल्पिक और टिकाऊ तरीकों पर विचार करना बुद्धिमानी। किसानों को उर्वरकों के उपयोग की सर्वोत्तम प्रक्रियाओं के बारे में शिक्षित करें, जिसमें सही मात्रा, समय और उपयोग की तकनीकें शामिल हैं। जो किसान अधिक ज्ञान प्राप्त करेंगे … Read more

रंगत खोते हमारे सामाजिक त्यौहार।

रंगत खोते हमारे सामाजिक त्यौहार। बाजारीकरण ने सारी व्यवस्थाएं बदल कर रख दी है। हमारे उत्सव-त्योहार भी इससे अछूते नहीं रहे। शायद इसीलिए प्रमुख त्योहार अपनी रंगत खोते जा रहे हैं और लगता है कि त्योहार सिर्फ औपचारिकताएं निभाने के लिए मनाये जाते हैं। किसी के पास फुरसत ही नहीं है कि इन प्रमुख त्योहारों … Read more

बदलती रामलीला: आस्था में अश्लीलता का तड़का

बदलती रामलीला: आस्था में अश्लीलता का तड़का जब आस्था में अश्लीलता का तड़का लगा दिया जाता है तो वह न सिर्फ उपहास का कारण बन जाती है बल्कि बहुसंख्यक लोगों की भावनाएं भी आहत होती हैं। मर्यादा पुरुषोत्तम राम का चरित्र समाज को प्रेम, उदारता, सम्मान व सद्भाव का संदेश देता है। पर अफसोस, राम … Read more

शादी-ब्याह: बढ़ता दिखावा-घटता अपनापन

शादी-ब्याह: बढ़ता दिखावा-घटता अपनापन भौतिकता की पराकाष्ठा के समय में जिसमें प्रत्येक कार्य व रिश्तों को धन की बुनियाद पर खड़ा किया जाने लगा है और वो सम्पूर्ण मानव जाति के लिये घातक कदम साबित हो रहा हैं सम्प्रति विवाहों में धन का प्रदर्शन किन-किन तरीकों से होने लगा है सब कल्पनातीत है, आज इंसान … Read more

जाति जनगणना की जरूरत का समय

जाति जनगणना की जरूरत का समय 21वीं सदी भारत के जाति प्रश्न को हल करने का सही समय है, अन्यथा हमें न केवल सामाजिक रूप से, बल्कि राजनीतिक और आर्थिक रूप से भी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी और हम विकास में पिछड़ जायेंगे। जाति जनगणना का अर्थ है भारत की सभी जातियों, मुख्य रूप से … Read more

ओबीसी के नाम पर बेवक़ूफ़ बंनाने का ड्रामा

ओबीसी के नाम पर बेवक़ूफ़ बंनाने का ड्रामा आंकड़ों का अध्यन करें तो हम पाएंगे कि देश के कुल केंद्रीय विश्वविद्यालयों में अन्य पिछड़ा वर्ग में केवल 5 उप-कुलपति है। अगर रजिस्ट्रार देखें तो पिछड़े समाज के तीन हैं। देश के केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रोफेसर की तय सीटों की मात्र 4.5 प्रतिशत ही भरी गई … Read more

एक साथ चुनाव लोकतंत्र के लिए हानिकारक क्यों?

एक साथ चुनाव भारत के लोकतंत्र के लिए हानिकारक क्यों? एक साथ चुनावों से देश की संघवाद को चुनौती मिलने की भी आशंका है। एक साथ चुनाव होने से लोकतंत्र के इन विशिष्ट मंचों और क्षेत्रों के धुंधला होने का खतरा है, साथ ही यह जोखिम भी है कि राज्य-स्तरीय मुद्दे राष्ट्रीय मुद्दों में समाहित … Read more

वाहनों पर जातिगत-धार्मिक स्टिकर, अशांति के स्पीकर-तनाव के ट्रीगर

वाहनों पर जातिगत-धार्मिक स्टिकर, अशांति के स्पीकर-तनाव के ट्रीगर वाहनों पर ‘जाति और धार्मिक स्टिकर’ की कानूनी जांच व्यक्तिगत अभिव्यक्तियों, सांस्कृतिक प्रथाओं और कानूनी नियमों के बीच तनाव को रेखांकित करती है। जातिगत पहचान को सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित करने की प्रवृत्ति दूसरों के बीच ईर्ष्या और कड़वी प्रतिक्रिया पैदा कर सकती है और हमारे … Read more

साहित्यकार डॉ सत्यवान सौरभ को पंडित प्रताप नारायण मिश्र स्मृति राष्ट्रीय युवा साहित्य सम्मान

हरियाणा के नवोदित साहित्यकार डॉ सत्यवान सौरभ को पंडित प्रताप नारायण मिश्र स्मृति राष्ट्रीय युवा साहित्य सम्मान स्कूल की प्रार्थना सभा में बोलना और रोजाना नोटिस बोर्ड पर काव्य पंक्तियाँ लिखने वाले बच्चे ने आज सालों बाद साहित्यकार बनने का सफर तय कर डाला। हरियाणा के युवा साहित्यकार डॉ सत्यवान सौरभ को यह पुरस्कार उनके दोहा संग्रह ‘तितली … Read more

आज हम चांद पर है।

आज हम चांद पर है। सांप और साधुओं का देश कहा जाने वाला भारत आज स्पेस टेक्नोलॉजी में दुनिया के ताकतवर देशों के साथ खड़ा है। भारत चंद्रयान-3 मिशन के साथ चंद्रमा पर सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला चौथा देश बन गया है। चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान का रोवर चांद की सतह का अध्ययन करेगा और … Read more