तुम और मैं | Tum aur main
तुम और मैं तुम घुमाते बल्ला क्रिकेट के,मैं घुमाती कंघी बालों में तुम बात करते किताबों से, मैं बनाती बातें …
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द्वारिका में बस जाओ
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द्वारिका में बस जाओ वृंदावन में मत भटको राधा, बंसी सुनने तुम आ जाओ । कान्हा पर ना इल्जाम लगे,
सब्र। सब्र पर कविता| kavita -sabra
March 5, 2023
सब्र। जब आंखें नम हो जाती है, जब आत्मा सहम जाती है, उम्मीद जिंदा नहीं रहती, जिंदगी गम से भर
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नम्र बनके रहो हर खुशहाल पल तुम्हारा है
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