तुम और मैं | Tum aur main

 तुम और मैं तुम घुमाते बल्ला क्रिकेट के,मैं घुमाती कंघी बालों में  तुम बात करते किताबों से, मैं बनाती बातें यादों से,  तुम्हें है प्रिय एकाकी और हम हुए वाचल प्राणी,  बोलो कैसे बनेगी अपनी कहानी?  जब मैं हो जाऊंगी अस्वस्थ काया से ,  क्या बल्ला छोड़ मेरे बिखरे लटों को सजाओगे?  जब मेरे चहेरे … Read more

बारिश | kavita- barish

बारिश आज खूब बारिश हो रही है याद है वह बचपन का दौर जब होने लगती थी बारिश झमाझमतो निकलती थी हमारी टोली बारिश की फुआरों में हमसबकरते खूब मस्ती,नहीं सुनते बड़े बुजुर्गों की बस अपने ही धून में निकल पड़ते सबबारिश में भिगने को और कोई लाता कागज बनाता नावतो कोई पत्ते तोड़ छतरी … Read more

प्रेम क्या है ? “ आइ लव यू / लव यू ” | Prem kya hai

 प्रेम क्या है ? “ आइ लव यू / लव यू ” आज के जमाने में साधारण सी से बात हो गई है लव यू ,मिस यू , शब्द का उच्चारण सुनना और कहना खैर लव यू को परिभाषित नहीं किया जा सकता यह अपने आप में खास शब्द है क्योंकि प्रेम अंग्रेजी शब्द लव … Read more

मुस्कुराना सीख रही

मुस्कुराना सीख रही मुस्कुराना सीख रही हूँ तुम्हारे बिना जीना सीख रही हूँहाँ आज फिर से मुस्कुराना सीख रही हूँजो तुम्हारे जाने के साथ-साथ चेहरे से चली गई थी , मानो तुम्हारे बिना जिन्दगी की हर साज रूठ गयीहाल ऐ मेरा क्या बताऊँ अबबिना जल मछली जैसी तड़प मेरीजो देखे मोहे देते सांत्वना मुझे , … Read more

मेरी दादी माँ| meri dadi maa

 मेरी दादी माँ आज की शाम मेरी दादी के नाम कर रहे सब आज तुम्हारी बातें इकट्ठा हो घर के सदस्य सभी और मुझे खल रही कमी तेरी दादी क्या करे हम सब…  अचानक जो छोड़ चली गई हमें,  आज आपकी बातें बन कर रहे गई यादें सुन रही हो न दादी हमारी किस तरह … Read more

क्या आत्महत्या ही एक मात्र रास्ता?

क्या आत्महत्या ही एक मात्र रास्ता? |Is suicide the only way? Is suicide the only way? क्या आत्महत्या ही एक मात्र रास्ता है ? अपनी हर समस्या/परेशानी को खत्म करने का ? “आत्महत्या ” शब्द सुनना और देखना आजकल आम होते जा रहा है ,आत्महत्या अथार्त अपनी ही जिंदगी अपने हाथों खत्म कर देना ।आत्महत्या … Read more

शिक्षक(Teacher’s day special)

शिक्षक अज्ञानता को दूर कर हमसेज्ञान का जो पाठ पढ़ाये, वह कहलाते गुरु (शिक्षक) हमारेकरे क्या वर्णन आज, इकठ्ठा हुए हमसब मनाने आज“शिक्षक दिवस ” सम्मान में शिक्षक के, अज्ञानता को दूर कर हमसेज्ञान का जो पाठ पढ़ाये, करते है सादर नमन उन गुरुवर कोजो गढ़ते हमारा व्यक्तित्व कर शिक्षित हमें, जो सिखाते हमें सही-गलत … Read more

गले लगाना चाहती/ gale lagana chahti

 गले लगाना चाहती गले लगाना चाहती हूँ तुझे अबना चाहिए अब और कुछ, बस तुझमें समा जाना चाहती हूँएक कदम बढ़ा लिया हमने आज, बस अगला कदम तेरा हैजिसका इंतजार हमे बेसब्री से है, हर नाकाब उतार फेकना चाहती हूँऐ मौत तुझे गले लगना चाहती हूँ, थक गए हैं हम इन फरेबी दूनिया सेजहाँ ना … Read more

जनवरी माह- ममता कुशवाहा

जनवरी माह जैसा हम सब जानते हैं जनवरी अंग्रेजी नववर्ष का प्रथम माह होता है और एक नये साल की शुरुआत । कुछ लोगों का कहावत है साल का एक तारीख जैसा गुजरेगा वैसा ही पुरे साल गुजरेगा ये बस कहने को हैं ऐसा मेरा मानना है क्योंकि हमारे लिए प्रत्येक दिन एक नया उमंग … Read more

sukoon-aye talash by mamta kushvaha

सुकून -ऐ-तालाश सुकून -ऐ-तालाश सबको है इस जहां में ,हर एक इंसान परेशान है खुद में बस कोई जाहिर कर देता है ,तो कोई छुपा लेता है इसे हेैेरत ना होना कभी खुद से तुम ,ये दुनियादारी इतना आसान नहीं सब उलझे हुए खुद के उलझनों में,सुकून -ऐ-तालाश सबको है इस जहां में ,हर कोई … Read more