तुम और मैं | Tum aur main
तुम और मैं तुम घुमाते बल्ला क्रिकेट के,मैं घुमाती कंघी बालों में तुम बात करते किताबों से, मैं बनाती बातें यादों से, तुम्हें है प्रिय एकाकी और हम हुए वाचल प्राणी, बोलो कैसे बनेगी अपनी कहानी? जब मैं हो जाऊंगी अस्वस्थ काया से , क्या बल्ला छोड़ मेरे बिखरे लटों को सजाओगे? जब मेरे चहेरे … Read more