Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

Mamta_kushwaha, poem

तुम और मैं | Tum aur main

 तुम और मैं तुम घुमाते बल्ला क्रिकेट के,मैं घुमाती कंघी बालों में  तुम बात करते किताबों से, मैं बनाती बातें …


 तुम और मैं

तुम और मैं | Tum aur main
तुम घुमाते बल्ला क्रिकेट के,मैं घुमाती कंघी बालों में 
तुम बात करते किताबों से, मैं बनाती बातें यादों से, 
तुम्हें है प्रिय एकाकी और हम हुए वाचल प्राणी, 
बोलो कैसे बनेगी अपनी कहानी? 
जब मैं हो जाऊंगी अस्वस्थ काया से , 
क्या बल्ला छोड़ मेरे बिखरे लटों को सजाओगे? 
जब मेरे चहेरे पर उदासी छा जायेगी, 
क्या दो पल मेरे साथ नये यादें बनाओगे? 
बालो चुप हो क्यों? 
जब तुमसे रूठ मैं एकाकी ढूंढने निकलूँ, 
क्या अपनी बेफिक्र बातों से हमे हंसाओगे? 
तुम घुमाते बल्ला क्रिकेट के,मैं घुमाती कंघी बालों में 
तुम बात करते किताबों से, मैं बनाती बातें यादों से 
तुम हो पाषाण हृदय प्रिये, मै हूँ भावनाओं में बहती धारा, 
तुम हो वास्तविकता में निर्लिप्त, मैं कल्पनाओं से तृप्त
बोलो कैसे बनेगी अपनी कहानी? 

About author 

Mamta kushwaha
ममता कुशवाहा
मुजफ्फरपुर, बिहार

Related Posts

Gazal – kya karu by kaleem Raza

May 31, 2021

ग़ज़ल – क्या  करू मै  तुम कहो तो अश्क आंखो से गिराऊं क्या बैठकर मै पास हाले दिल सुनाऊं क्या

kavita Dhairya na khona tum. samunder singh

May 31, 2021

कविता – धैर्य न खोना तुम आँसू से मुँह न धोना तुम। जीवन में धैर्य न खोना तुम।हर दिन सपने

kavita samay mansa wacha up.

May 31, 2021

  कविता – समय बुरे समय में साथ छोड़ने का बहाना ढूंढने वाले और साथ निभाने का बहाना ढूंढने वाले

kavita-vo vyakti pita kahlata hai chanchal krishnavanshi

May 31, 2021

वो व्यक्ति पिता कहलाता है! ख़ुद के सुख को कर न्योछावर बच्चों पर खुशियां लुटाता है बार बार संतान जो

kavita Roti mosam khan alwar rajasthan

May 30, 2021

  कविता -रोटी                                         

kavita – Gyani abhimani mosam khan alwar

May 30, 2021

      अज्ञानी अभिमानी सबसे  अच्छा है तू इंसान , सबसे ज्यादा  है तेरा सम्मान,, पल भर की ये तेरी

Leave a Comment