Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

lekh, satyawan_saurabh

ग्रामीण अंचल के विद्यार्थियों के लिए एक उमंग –डॉ. रणजीत सिंह फुलिया

ग्रामीण अंचल के विद्यार्थियों के लिए एक उमंग –डॉ. रणजीत सिंह फुलिया सन 2004 में नौकरी से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर …


ग्रामीण अंचल के विद्यार्थियों के लिए एक उमंग –डॉ. रणजीत सिंह फुलिया

ग्रामीण अंचल के विद्यार्थियों के लिए एक उमंग --डॉ. रणजीत सिंह फुलिया

सन 2004 में नौकरी से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर डॉ. रणजीत सिंह फुलिया ग्रामीण क्षेत्रों के, विशेषकर हरियाणा और आस -पास के छह राज्यों — राजस्थान, पंजाब, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और मध्य प्रदेश के 700 से अधिक सरकारी और निजी विद्यालयों के छात्रों को पढ़ाने और मार्गदर्शन देने का काम कर चुके हैं। डॉ. रणजीत विद्यार्थियों को अंग्रेजी व्याकरण, अंग्रेजी बोलचाल, संप्रेषण कला के विभिन्न पहलू, सामान्य ज्ञान, इतिहास,भूगोल और भारत की राजनीतिक प्रणाली पर मार्गदर्शन भी देते हैं, ताकि छात्रों को आगामी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी तैयार किया जा सके। ऐसे विशेषज्ञ और नि:स्वार्थ भाव से सेवा करने वाले शिक्षक के रूप में आपकी नि:शुल्क सेवाएं विशेषकर ग्रामीण अंचल के विद्यार्थियों को एक नए उमंग- उत्साह और जज्बे से सराबोर कर रही हैं।

डॉ सत्यवान सौरभ

सन 1958 में, गांव अटावला, जिला पानीपत, हरियाणा में जन्मे डॉ. रणजीत सिंह फुलिया एक शिक्षाविद, लेखक और समाज सेवक हैं। आपने मुख्यतः सरकारी स्कूलों में शिक्षा ग्रहण की। आपके पिताजी का नाम श्री संत राम और माताजी का नाम श्रीमती भारती देवी था। दोनों ही भारतीय संस्कृति के उदात्त स्वरूप तथा मानवीय मूल्यों में गहरी आस्था रखते थे तथा उन्होंने बच्चों को भी ऐसे ही श्रेष्ठ संस्कार दिए।

आपका परिवार आर्य समाज की विचारधारा से प्रभावित था और संत-शिरोमणि सतगुरु रविदास, सद्गुरु कबीर आदि महापुरुषों की शिक्षाओं पर चलकर, अंधविश्वास तथा पाखंड से दूर था। बालक रणजीत बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि थे और पढ़ाई में बहुत रुचि रखते थे। आपने गांव के सरकारी स्कूल से मिडिल परीक्षा पास की और पड़ोसी गांव अदियाना के उच्च विद्यालय से मैट्रिकुलेशन परीक्षा प्रथम श्रेणी में और प्रथम रहकर पास की। आर्य कॉलेज, पानीपत से स्नातक की पढ़ाई करते हुए भी आप पूरे करनाल जिले में प्रथम या द्वितीय स्थान पर रहते थे तथा अनेक बार सम्मानित भी हुए।

आगे एमए की पढ़ाई के लिए बड़े भाई डॉक्टर राज रूप फुलिया के पास नई दिल्ली चले गए। दिल्ली विश्वविद्यालय से एम. ए. की पढ़ाई करते हुए ही आपने प्रतियोगी परीक्षा उत्तीर्ण कर सन 1980 में इन्डियन एयरलाइन्स में ट्रैफिक असिस्टेंट की नौकरी कर ली, जहां स्व. राजीव गांधी जी (तत्कालीन पायलट, बाद में भारत के प्रधान मंत्री बने) के सहकर्मी रहे। आपके सबसे बड़े भाई अनूप सिंह भारतीय वायु सेना में कार्यरत थे। बड़े भाई डॉक्टर राज रूप फुलिया सन 1980 में यूपीएससी द्वारा आयोजित प्रतियोगी परीक्षा पास कर इंडियन इकोनॉमिक सर्विस, सन 1981 में आईआरपीएस और फिर सन 1983 में आईएएस अधिकारी बन गए और अतिरिक्त मुख्य सचिव, हरियाणा के पद से सेवानिवृत्त हुए।

रणजीत जी सन 1982 में प्रतियोगी परीक्षा पास कर, नेशनल इंश्योरेंस कंपनी में प्रथम श्रेणी अधिकारी नियुक्त हुए और वरिष्ठ शाखा प्रबंधक, वरिष्ठ मंडल प्रबंधक जैसे महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। बाईस वर्ष सेवा करने के बाद, सन 2004 में नौकरी से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर आप ग्रामीण क्षेत्रों के, विशेषकर हरियाणा और आस -पास के छह राज्यों — राजस्थान, पंजाब, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और मध्य प्रदेश के 700 से अधिक सरकारी और निजी विद्यालयों के छात्रों को पढ़ाने और मार्गदर्शन देने का काम कर चुके हैं। डॉ. रणजीत विद्यार्थियों को अंग्रेजी व्याकरण, अंग्रेजी बोलचाल, संप्रेषण कला के विभिन्न पहलू, सामान्य ज्ञान, इतिहास,भूगोल और भारत की राजनीतिक प्रणाली पर मार्गदर्शन भी देते हैं, ताकि छात्रों को आगामी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी तैयार किया जा सके।

डॉ. रणजीत जी दिल्ली विश्वविद्यालय से अनुवाद में डिप्लॉमा ( गोल्ड मेडलिस्ट) और भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता डिप्लोमा धारक हैं। इन्होने सन 2015 में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से “हरियाणा में वरिष्ठ माध्यमिक शिक्षा प्रशासन” पर पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में *पीएच. डी.* की डिग्री भी प्राप्त की है। आप अंग्रेजी की अंतरराष्ट्रीय पत्रिका *द वर्ल्ड रिन्यूअल* के सह – संपादक हैं और आप द्वारा लिखित एक सौ से अधिक लेख , साक्षात्कार, कविताएं आदि प्रतिष्ठित पत्र -पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। आप द्वारा छह पुस्तके अनूदित/संपादित होकर छप चुकी हैं।

विद्यार्थियों का विभिन्न विषयों में ज्ञान बढाने के उद्देश्य से डॉ. रणजीत जी ने अनेक टेस्ट पेपर तैयार किए हैं जिनके द्वारा छात्रों की बुद्धिमत्ता का आकलन करने के बाद, शैक्षिक पुस्तकों , शब्दकोशों, व्याकरण और सामान्य ज्ञान पर पुस्तकों आदि के रूप में वे हरियाणा, पंजाब, दिल्ली,राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश व मध्य प्रदेश के 700 से अधिक स्कूलों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों जैसे औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, महाविद्यालय और विद्यालय (सरकारी तथा निजी) आदि में दस हजार से अधिक छात्रों को सम्मानित कर चुके हैं। ये सभी स्वैच्छिक और नि:शुल्क प्रयास , ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों को अभूतपूर्व उमंग और उत्साह प्रदान करते हैं।

हरियाणा के ग्रामीण क्षेत्र में खोले गए अनेक पुस्तकालयों में भी विद्यार्थियों को नि:शुल्क मार्गदर्शन देते हैं। शिक्षा के क्षेत्र में अपनी स्वैच्छिक और नि:शुल्क सेवाओं के कारण आपको अनेक विद्यालयों और अन्य शैक्षणिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया जा चुका है, जैसे *-“फिफ्टी विलेजर्स सेवा संस्थान”* और *”कलाम आश्रम”,* बाड़मेर, *”टर्निंग प्वॉइंट* ” तारानगर, *नवोदय क्रांति* और *मंथन* ( दोनों सरकारी शिक्षकों के स्वैच्छिक समूह) तथा *प्रगतिशील शिक्षक ट्रस्ट, नारनौल* द्वारा सन 2021 में *”उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान”*। अनेक विद्यालयों और शैक्षणिक संस्थाओं द्वारा भी आपको सम्मानित किया गया है।

डॉ. रणजीत सिंह फुलिया विद्यार्थियों के आदर्श शिक्षक और अध्यापकों के सच्चे मार्गदर्शक के रूप में विख्यात हैं। ये अंग्रेजी भाषा को बड़े ही सरल तरीके से पढ़ाते हैं और हजारों विद्यार्थी इनसे इंग्लिश बोलचाल भी सीख रहे हैं। उन सभी विद्यार्थियों के वीडियो आपने सोशल मीडिया पर साझा भी किए हैं, जिनसे पूरे भारत देश के विद्यार्थी प्रेरणा ले रहे हैं। ऐसे विशेषज्ञ और निस्वार्थ भाव से सेवा करने वाले शिक्षक के रूप में आपकी नि:शुल्क सेवाएं विशेषकर ग्रामीण अंचल के विद्यार्थियों को एक नए उमंग- उत्साह और जज्बे से सराबोर कर रही हैं।

About author

डॉo सत्यवान ‘सौरभ’
कवि,स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभकार, आकाशवाणी एवं टीवी पेनालिस्ट,
333, परी वाटिका, कौशल्या भवन, बड़वा (सिवानी) भिवानी, हरियाणा – 127045
facebook – https://www.facebook.com/saty.verma333
twitter- https://twitter.com/SatyawanSaurabh


Related Posts

Insan ke prakar by Jay shree birmi

September 22, 2021

 इंसान के प्रकार हर इंसान की लक्षणिकता अलग अलग होती हैं।कुछ आदतों के हिसाब से देखा जाएं तो कुछ लोग

Shradh lekh by Jay shree birmi

September 22, 2021

 श्राद्ध श्रद्धा सनातन धर्म का हार्द हैं,श्रद्धा से जहां सर जुकाया वहीं पे साक्षात्कार की भावना रहती हैं।यात्रा के समय

Hindi divas par do shabd by vijay lakshmi Pandey

September 14, 2021

 हिन्दी दिवस पर दो शब्द…!!   14/09/2021           भाषा  विशेष  के  अर्थ में –हिंदुस्तान की भाषा 

Hindi divas 14 september lekh by Mamta Kushwaha

September 13, 2021

हिन्दी दिवस-१४ सितम्बर   जैसा की हम सभी जानते है हिन्दी दिवस प्रति वर्ष १४ सितम्बर को मनाया जाता हैं

maa ko chhod dhaye kyo lekh by jayshree birmi

September 13, 2021

 मां को छोड़ धाय क्यों? मातृ भाषा में व्यक्ति अभिव्यक्ति खुल के कर सकता हैं।जिस भाषा सुन बोलना सीखा वही

Hindi maathe ki bindi lekh by Satya Prakash

September 13, 2021

हिंदी माथे की बिंदी कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक, साक्षर से लेकर निरीक्षर तक भारत का प्रत्येक व्यक्ति हिंदी को

Leave a Comment