भावनानी के व्यंग्यात्मक भाव
क्योंकि ज़लनखोरों को मिर्ची लग रही है
भावनानी के व्यंग्यात्मक भाव क्योंकि ज़लनखोरों को मिर्ची लग रही है मेरी कामयाबी से चारों और खुशी मच रही है …
Related Posts
भारत अमेरिका का अगला मुकाम अब् अंतरिक्ष बनेगा
September 18, 2023
भारत अमेरिका की यारी, दुनियां हमारी – इसरो प्लस नासा इक्वल टू आकाश हमारा भारत अमेरिका का अगला मुकाम अब्
स्वयं को छोटा कहलाने वाला व्यक्ति सबसे श्रेष्ठ गुणवान
September 18, 2023
स्वयं को छोटा कहलाने वाला व्यक्ति सबसे श्रेष्ठ गुणवान होता है आओ निंदा त्यागने का संकल्प लें आओ हम खुद
जीएसटी अपीलेट ट्रिब्यूनल की 31 बेंचों के लिए अधिसूचना जारी
September 18, 2023
जीएसटी अपीलेट ट्रिब्यूनल की 31 बेंचों के लिए अधिसूचना जारी – विवाद सुलझाने में तेजी आएगी व्यापारियों जीएसटी करदाताओं के
विनम्र होकर भारतीय संस्कृति और परंपरा का परिचय दें
September 16, 2023
आओ विनम्र होकर भारतीय संस्कृति और परंपरा का परिचय दें जीवन में कुछ बनने के लिए विनम्र होना ज़रूरी- बीज
शहीदों की कुर्बानी | shaheedon par kavita
September 16, 2023
जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में दिनांक 13 सितंबर 2023 को आतंकियों ने भारतीय सेना के उच्च अधिकारी जवानों पर हमला कर
पत्रकारिता ज़बरदस्त राजनीतिक मुद्दा बना
September 16, 2023
पत्रकारिता ज़बरदस्त राजनीतिक मुद्दा बना ! राजनीतिक रीत सदा चली आई – जिसकी लाठी उसी ने भैंस पाई ए बाबू
