Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

Anita_sharma, poem

आशा- अनिता शर्मा

आशा उसने मुझे मुस्कुरा कर देखा,कौन हो तुम?हौले से पूछा।उसने आंखो में चमक भर कहा,मैं तो हूँ,तुम्हारी ही आशा ।एक …


आशा

आशा- अनिता शर्मा

उसने मुझे मुस्कुरा कर देखा,
कौन हो तुम?हौले से पूछा।
उसने आंखो में चमक भर कहा,
मैं तो हूँ,तुम्हारी ही आशा ।
एक विश्वास सहज ही आया,
आत्म सम्मान सहज ही छाया।
आशान्वित हो उठी तत्क्षण,
नव-जागृति मनोबल बढ़ाया।
मैने उस आशा को अपनाया,
जीवन में अवसर को पाया।
समय का सदुपयोग किया तब,
सकारात्मक ऊर्जा से भरा मन।
आशान्वित क्षण नव उत्साहित,
आभासित दीपक की ज्योति।
सहचर आशा की किरण भर,
अग्रसर हो जीवन की ओर ।

अनिता शर्मा
 झाँसी


Related Posts

मौत का मुल्यांकन | maut ka mulyankan

March 22, 2023

 भावनानी के भाव मौत का मुल्यांकन मैंने भी सोचा हम तो यूं ही जिंदगी  जिए जा रहे हैं बेकार  मौत

चार बातें तो सुनना ही पड़ेगा

March 22, 2023

भावनानी के भाव चार बातें तो सुनना ही पड़ेगा अगर घर के हेड हो, जवाबदार हो।चार बातें तो सुनना ही

हमें शक्तिशाली राष्ट्रीय अभियान चलाना है

March 19, 2023

 भावनानी के भाव हमें शक्तिशाली राष्ट्रीय अभियान चलाना है प्राकृतिक संसाधनों को बचाना है प्राचीन संस्कृति का युवाओं में प्रसार

कविता:क्यों करे अपेक्षा?| kyon kare apeksha

March 15, 2023

क्यों करे अपेक्षा? एक धनी धन देगा, आत्मविश्वासी प्रण लेगा, जिसके पास जो भरपूर हैउनके पास वो उस शण मिलेगा।

थम जाता संसार अगर ना होती बेटियां

March 13, 2023

भावनानी के भाव थम जाता संसार अगर ना होती बेटियां घर की जान होती है बेटियांपिता की आन बान शान

कविता: शब्द | kavita: shabd

March 13, 2023

कविता: शब्द मन के अनगिनत विचारों को,सबके सन्मुख दे खोल।कहलाते है शब्द वही,या कहते इन्हें हम बोल।शब्द होते दर्पण व्यक्तित्व

PreviousNext

Leave a Comment