Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

poem, Rakesh madhur

नव वर्ष और मधुकवि का भारत

नव वर्ष और मधुकवि का भारत आ गया नवबर्ष फिर भी तू सो रहा||झूठे ख्वाबों ख्यालों क्यों खो रहा|| राष्ट्र …


नव वर्ष और मधुकवि का भारत

आ गया नवबर्ष फिर भी तू सो रहा||
झूठे ख्वाबों ख्यालों क्यों खो रहा||

राष्ट्र सीमा बुलाती है कब से तुझे||
जाग जा भारतीय यह जगाती तुझे||
दुष्ट तेरे लहू से कफन धो रहा||१||
आ गया नव बर्ष फिर भी तू सो रहा||

वक्त आवाज देता है कर गौर सुन||
कांटे रह जायेंगे फूल जायेंगे चुन||
देख तुझको शहीदों का दिल रो रहा||२||
आ गया नव बर्ष फिर भी तू सो रहा||

मात्र भूमि पे दुश्मन नजर हैं किये||
जख्म इतिहास पढ़ कितने तीखे दिये||
चुन के गुरु पुत्र दीवार में दो- रहा||३||
आ गया नव वर्ष फिर भी तू सो रहा||

काट आंचर बहन और मां के लिए||
अब सम्भल जा-सम्भल जा-सम्भल जा प्रिये||
आज तक घोर अन्याय ही हो रहा||
आ गया नव बर्ष फिर भी तू सो रहा||४||

About author 

Madhukavi Rakesh madhur

मधुकवि राकेश मधुर

गांव-चाबरखास
तहसील–तिलहर
जनपद-शाहजहांपुर यू पी


Related Posts

Jeevan ki pagdandi par by anishk

March 9, 2024

जीवन की पगडंडी पर जीवन की पगडंडी पर जीवन की पगडंडी परचलते-चलते जब शाम हुई,पैरों में तिनके लिपटे सेनींदें रातों

Stree | स्त्री पर कविता

March 8, 2024

स्त्री माँ , बहन,मित्र, प्रेमिका,सबमें मैंने देखी थोड़ी-थोड़ी स्त्री,किंतु विवाह के बाद पत्नी से मिल,मूड स्विंग जैसे नये टर्म सीखे,मैंने

रामराज्य लाते हैं | ramrajya laate hai

January 21, 2024

रामराज्य लाते हैं आओ सनातनियों हम सब मिल-जुल कर, एक बार फिर से भारत में रामराज्य लाते हैं। ऊंच-नीच, अमीरी-गरीबी,

नववर्ष-2024 | kavita navvarsh-2024

January 2, 2024

नववर्ष-2024 सुनो दिकु….. इस नववर्ष में लौट आनातुम्हारी यादों से यह दिल को अब और ना बहलाना बातें बहुत-सी हो

दिकुप्रेम | dikuprem

December 31, 2023

दिकुप्रेम सुनो दिकु… में ठीक हूँतुम अपना ख्याल रखनामेरी फिक्र में मत रहना कोई भी आये परेशानी अगरहौंसला रखना खुद

तुम और मैं | Tum aur main

December 30, 2023

 तुम और मैं तुम घुमाते बल्ला क्रिकेट के,मैं घुमाती कंघी बालों में  तुम बात करते किताबों से, मैं बनाती बातें

Leave a Comment