युगपुरूष भारतेन्दु हरिश्चन्द्र
कलम में जिनकी ताकत थी
जोश जगाने वाली
दिल ही नहीं दिमागों में भी
आग लगाने वाली
ऐसे अद्वितीय अदभूत बालक
ने जन्मा इस धरा-धाम पर
युगपुरूष प्रख्यात हुए ऐसे
भारतेन्दु हरिश्चन्द्र के नाम पर
लेखनी के बल पर भारतीयों
को पिरोया एकता के माला में
भारत दुर्दशा देखी न जाई
बताया पत्रिका के पाठशाला में
तत्कालिनता पर करारा चोट की
लिख-लिखकर कलम की गोली से
मुक्ति दिलाई अंग्रेजों के जुल्मों से
गु ला मी की जं जी रों से
अंंधेर नगरी चौ प ट रा जा
लीजिए एक उ दा ह र ण
अलख जगाए हिन्दी की भी
जन-जन में जगाए जागरण
आग लगाई सीने में सबके
हिन्दू-मुस्लिम सिख ईसाई
अंग्रेजों को भारत से खदेड़ा
एकता की सैलाब थी आई
हिन्दी जगत में भारतेन्दु जी
अवतार पुरूष बनकर आये
छोड़ गए अमिट नि शा नी
किरदार बखूबी निभा गए
जय हिन्द
डॉ.इन्दु कुमारी
हिन्दी विभाग
मधेपुरा बिहार

