Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

kishan bhavnani, poem

Vigyan par kavita | vigyan ne samay bachaya

 कविता-विज्ञान ने समय बचाया  विज्ञान ने समय बचाया दबाया बटन काम हो जाए   छोड़ पैदल,साइकिल,गाड़ी,हमें  आसमान में उड़ना सिखाया  यह …


 कविता-विज्ञान ने समय बचाया

Vigyan par kavita | vigyan ne samay bachaya
 विज्ञान ने समय बचाया
दबाया बटन काम हो जाए  
छोड़ पैदल,साइकिल,गाड़ी,हमें 
आसमान में उड़ना सिखाया 
यह विज्ञान है जिसने 
 हमको आधुनिक बनाया 
 आसान हुआ हर काम हमको 
 इस लायक बनाया
  
 घंटों का काम मिनटों में 
 मिनटों का काम सेकंड में बनाया
 विज्ञान के दम पर भारत ने 
आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाया 
सिलेट कलम छोड़ हमें 
लैपटॉप से पढ़ना सिखाया 
सोचा नहीं था जीवन में जो वह काम 
विज्ञान ने करके दिखाया
बस विज्ञान ने यह नहीं बताया 
बिना पिलर के आसमान कैसे टिकाया 
विज्ञान ने जीव की जीवन मृत्यु 
कैसे होती है यह भेद नहीं बताया 
विज्ञान ने ऊपर वाले जैसा 
करिश्मा नहीं दिखलाया 
सच मानो ऊपर वाले ने 
मनुष्य को विज्ञान सिखलाया-3

About author

कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुख़दास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र
कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुख़दास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र


Related Posts

kavita anpadh beti by mosam khan alwar

June 1, 2021

नमस्कार साथियों मै मौसम खान मेवात अलवर राजस्थान से हूं मेरी ये कविता में मेवाती में लिख रहा हु जिसमे

Kavita mere mulk ki media by golendra patel

June 1, 2021

 मेरे मुल्क की मीडिया बिच्छू के बिल में नेवला और सर्प की सलाह पर चूहों के केस की सुनवाई कर

kavita chhijta vimarsh by ajay kumar jha

June 1, 2021

 छीजता विमर्श. दुखद- शर्मनाक जीवन पथ पर निरपेक्षता नामित शस्त्र से वर्तमान के अतार्किक भय में रिस रहा लहू इतिहास

kavita tahreer me pita by mahesh kumar .

June 1, 2021

 कविता.. तहरीर में पिता.. ये कैसे लोग हैं ..??  जो एक दूधमुंही नवजात बच्ची के मौत को नाटक कह रहें हैं…!! 

कविता-हार और जीत जितेन्द्र कबीर

June 1, 2021

हार और जीत ‘हार’ भले ही कर ले इंसान कोकुछ समय के लिए ‘निराश’लेकिन वो मुहैया करवाती है उसकोअपने अंतर्मन

kavita barkha shweta tiwari Mp.

June 1, 2021

बरखा बरखा रानी आओ ना  बूंद बूंद बरसाओ ना तपती धरती का व्याकुल अंतर्मन  क्षुब्ध दुखी सबका जीवन  शीतल स्पर्श

Leave a Comment