Vigyan par kavita | vigyan ne samay bachaya
कविता-विज्ञान ने समय बचाया विज्ञान ने समय बचाया दबाया बटन काम हो जाए छोड़ पैदल,साइकिल,गाड़ी,हमें आसमान में उड़ना सिखाया यह …
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गीत आराध्य तुम्ही, आराधना मेरी,साध्य तुम्ही, साधना भी मेरी । स्वर्गलोक से चल कर आयी ।।कल कल,छल छल गंगा जैसी,
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kavita abhilasha by anita sharma
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कविता.. वो, फिर कभी नहीं लौटा.. सालों पहले, एक आदमी, हमारे भीतर से निकला और, फिर, कभी नहीं लौटा… !! सुना
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संवर जाती है धूप जब भी बर्फ़ सी पिघल जाती हैतो मजदूरों के पसीने में ढल जाती है।ठंड जब कभी
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