Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

story

Vairagani by Shailendra Srivastava

 वैरागिनी (hindi kahani)   जाड़े की कुनकुनी धूप मे घुटने पर सिर टिकाये वह अपने बारे मे सोच रही थी ।लोग …


 वैरागिनी (hindi kahani)  

Vairagani by Shailendra  Srivastavaजाड़े की कुनकुनी धूप मे घुटने पर सिर टिकाये वह अपने बारे मे सोच रही थी ।लोग उसे लेकर तरह तरह किस्से गढ़ रहे थे ।वह जोगिया धोती क्यों पहनती है ।खासकर सुबह सुबह जब गोमती नदी मे स्नान करने के लिए घर से निकलती थी ।

        रोज सुबह नदी मे स्नान करके वह मंदिरों मे फूल चढाती ।भगवान का भजन गाती थी ।बहुत सुरीली आवाज थी उसकी । इसकारण वह  गोमती घाट पर बने मंदिरों मे फूल चढाने के लिए आने वाली औरतों मे प्रिय थी ।

         दिन मे घर से निकलने पर पैंट शर्ट पहन लेती थी जिस कारण वह लड़का होने का भ्रम बनाये रहती थी ।

         वह एक गरीब बनिया परिवार से थी ।तीन बहनों मे सबसे बड़ी । देखने मे सामान्य कद काठी मे सांवली सूरत की थी वह ।शादी की उम्र हो गई थी पर दहेज न जुटा पाने के कारण हर जगह उसके पिता को निराशा ही हाथ लगती रहती है ।

          इसका प्रभाव यह हुआ कि वह विरक्त की ओर बढने लगी । ईश्वर की भक्ति मे वह रमने लगी ।कंठ अच्छा होने के कारण जिन घरों मे अखण्ड रामायण का पाठ होता उनमें वह आदर से आमंत्रित की जाने लगी । दो चार घंटा सुरली आवाज मे उसका रामायण पाठ सबको बांधे रहता था ।।

      उसके इसी गुण के चलते मेरी माँ से पहचान बढ़ी थी ।उसका मेरे घर आना जाना लगा रहता था ।

   मेरी मां  पिता जी के गुजरने के बाद पूजा पाठ मे व्यस्त रहतीं थीं ।रोज प्रभात बेला मे गोमती नदी मे स्नान कर  घाट पर बने मंदिरों मे फूल चढ़ाने जाती थीं । इसी वजह से उसकी घनिष्ठता बढ़ गई थीं।

       माँ के माध्यम से कई घरों मे उसका  आना जाना हो गया । किसी के घर रामा यण पाठ का आयोजन  होता तो पाठ के लिए उसे अवश्य बुलाया जाता ।अपने सुरीले कंठ से सबका मनमोह लेती थी ।

          उसका यह शौक सांसारिक जीवन से विरक्त की ओर ले गया ।औऱ वह गेरूआ धोती पहनकर वैरागनी जीवन मे तल्लीन हो गई । 

           # शैलेन्द्र श्रीवास्तव


Related Posts

प्रीत न करियो कोई

June 4, 2022

 “प्रीत न करियो कोई”                               एक

कहानी-वैधुर्य

May 25, 2022

 वैधुर्य  आज रामी ने अपने बहु बेटे को अलग से अपना घर बसाने का कह दिया।बेटा जीगू ने अपने बापू

कहानी-जो करे सेवा उसे मिले मेवा

May 6, 2022

जो करे सेवा उसे मिले मेवा एक छोटा सा गांव था ,दो बेटों के साथ रेवती बहुत आराम से रह

कहानी-बेइन्तहाँ इश्क

May 2, 2022

 “बेइन्तहाँ इश्क” “तुम्हें देखते ही जानाँ खिलकर बहार हो जाऊँ, दूरियों पर बिरहन बन तेरे इंतज़ार में दर्द का पहाड़

कहानी – जड़ों में तेल देना इसे कहते हैं

May 1, 2022

कहानी-जड़ों में तेल देना इसे कहते हैं छोटे थे तब एक कहानी सुनी थी। एक भरापुरा परिवार था।दादा,दादी मां और

कहानी प्यार की

April 27, 2022

कहानी प्यार की सीमा और विमल के प्यार के चर्चे उनके पूरे ग्रुप में खूब थे।दो दिल एक जान थे

PreviousNext

Leave a Comment