Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

poem

talmail Banana bhi hai mehnat ka kam by Jitendra kabir

 तालमेल बनाना भी है मेहनत का काम बहुत सारी मेहनत और पैसा खर्च करके बना लेता है एक इंसान अपने …


 तालमेल बनाना भी है मेहनत का काम

talmail Banana bhi hai mehnat ka kam by Jitendra kabir

बहुत सारी मेहनत और पैसा खर्च करके

बना लेता है एक इंसान

अपने रहने के लिए भवन एक आलीशान,

लेकिन घर उसे बनाता है

उसमें रहने वाले लोगों का

एक-दूसरे के प्रति स्नेह, चिंता और सम्मान,

आपसी तारतम्य बनाए रखना भी

है बहुत जरूरी काम,

ज्यादा लोग देते नहीं अक्सर जिस ओर ध्यान।

ज्यादातर लोग किसी न किसी कार्यस्थल पर

जीवन निर्वाह के लिए

दिन के आठ-दस घंटों तक करते हैं काम,

लेकिन काम करने में भी मजा है

केवल तभी तक

जब तक न हो वहां कलह क्लेश का निशान,

लड़ाई झगड़ा जिस जगह पर बना ले

अपना स्थान

उस जगह जाने से कतराने लगता है अक्सर इंसान।

                                                 जितेन्द्र ‘कबीर’

                                                 

यह कविता सर्वथा मौलिक अप्रकाशित एवं स्वरचित है।

साहित्यिक नाम – जितेन्द्र ‘कबीर’

संप्रति – अध्यापक

पता – जितेन्द्र कुमार गांव नगोड़ी डाक घर साच तहसील व जिला चम्बा हिमाचल प्रदेश

संपर्क सूत्र – 7018558314


Related Posts

सफलता सांझी है | safalta saanjhi hai

March 28, 2024

सफलता सांझी है मत भूल सफलता सांझी है,कुछ तेरी है, कुछ मेरी है ।मां -बाप और बच्चे सांझे है,कुछ रिश्ते

जीवन को सफल बनाना है | jeevan ko safal banana hai

March 28, 2024

जीवन को सफल बनाना है निंदा, चुगली का ज़हर,ना जीवन में घोलो,यही तो है रिश्तों में दीमक,इन से बस तौबा

होली के रंग | Holi ke rang

March 24, 2024

होली के रंग लाल गुलाबी नीले पीले,कई रंगों से रंगी हुई होली आई होली आई, धरती लग रही सजी धजीरंग

कविता –अभिलाषा| kavita -Abhilasha

March 24, 2024

अभिलाषा अपने ही नभ में उड़ना मुझको,अपना संसार बनाना है। कोमल मन की अभिलाषा है,अंबर से ऊपर जाना है।कुरीतियों की

Kavita : सपने | sapne

March 24, 2024

सपने सपने देखो, और फिर अपने सपने साकार करो। इन सपनों को पाने के लिए, मेहनत तुम लगातार करो।नहीं थकना

Kavita : सबला नारी | sabla naari

March 24, 2024

सबला नारी किसने कहा अबला है नारी, नारी तो सब पर भारी है।मां,बहन, बेटी या सखी, सब के रूपों में

Leave a Comment