Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel
Story parakh | परख

Sonal Manju, story

Story parakh | परख

 Story parakh | परख “क्या हुआ दीपू बेटा? तुम तैयार नहीं हुई? आज तो तुम्हें विवेक से मिलने जाना है।” …


 Story parakh | परख

Story parakh | परख

“क्या हुआ दीपू बेटा? तुम तैयार नहीं हुई? आज तो तुम्हें विवेक से मिलने जाना है।” दीपिका को उदास देखकर उसके दादा जी ने उससे पूछा।

“तैयार ही हो रही हूँ दादू।” दीपिका ने बुझे मन से कहा।

“पर तुम इतनी उदास क्यों हो?”

“पापा ने मुझे कहा है कि आज ही विवेक से मिलकर शादी के लिए कन्फर्म कर दूं।”

“तो इसमें प्रॉब्लम क्या है बेटा?”

“आप ही बताओ दादू! एक बार किसी से मिलकर उसे शादी के लिए कैसे फाइनल कर सकते हैं ?”

“तो एक-दो बार और मिल लेना। मैं तुम्हारे पापा से बात कर लूंगा।”

“पर दादू एक-दो बार में तो हर कोई अच्छा ही बनता है।” दीपिका ने मुँह बनाते हुए कहा।

“अच्छा ये सब छोड़, मुझे कुछ खाने का मन कर रह है तो पहले ऐसा कर मेरे लिए पका फल ले आ।”

दीपू गई और किचेन से एक पीला-पीला मुलायम अमरूद ले आई, “ये लीजिए दादू आपका फल।”

“दीपू बेटा एक बात बता, किचेन में तो कितने सारे अमरूद थे, फिर तू यही वाला क्यों लाई?”

“आपने ही तो कहा था पका हुआ फल लाना।”

“पर तुझे कैसे पता ये पका हुआ है?”
“ये क्या बात हुई दादू?” दीपिका ने झुंझलाते हुए कहा।

“अरे बेटा बता न? तूने पके फल की पहचान कैसे करी?”

एक तो दीपिका पहले से ही परेशान थी उसपर से दादा जी के सवालों से उसे और चिड़चिड़ाहट हो रही थी फिर भी उसने जवाब दिया, ” क्योंकि पका हुआ फल एक तो नर्म हो जाता है, दूसरा वह मीठा हो जाता है और तीसरा उसका रंग भी बदल जाता है।”

“बिल्कुल सही! ठीक इसी तरह एक अच्छे व्यक्ति की भी तीन पहचान होती है, पहली उसमें नम्रता, दूसरी उसकी वाणी मे मिठास और तीसरी उसके चेहरे पर आत्मविश्वास का रंग। समझी, दीपू बेटा?”

“जी दादू! मैं आपका मतलब समझ गई।” दीपिका ने मुस्कुराते हुए कहा।

“चलो अब ज्यादा मत सोचो, जल्दी से तैयार होकर जाओ, विवेक भी इसी कश्मकश होगा।”

About author 

Sonal manju

सोनल मंजू श्री ओमर

राजकोट, गुजरात

Related Posts

Nath ka wajan kahani by Jayshree birmi

October 5, 2021

 कहानी नथ का वजन पूर्व भारत के कोई प्रांत की बात सुनी थी, जहां बहु की नथनी का वजन परिवार की

Parivartit swaroop by Kanchan Sukla

October 1, 2021

 परिवर्तित स्वरूप सोलह साल, कक्षा नौ की छात्रा लवलीन को, कमरे में रोता देख मम्मी ने, तुरंत वहाँ जाना उचित

Rishton ki dhundh story by Jayshree birmi

September 22, 2021

 रिश्तों की धुंध जब नियति को पता चला कि आज उसका पति कोई और स्त्री के साथ देखा गया हैं

Aap ke liye laghukatha by Sudhir Srivastava

September 21, 2021

 लघुकथा आपके लिए            रीमा ससुराल से विदा होकर पहली बार मायके आयी।मांँ बाप भाई बहन

Nadan se dosti kahani by jayshree birmi

September 12, 2021

 नादान से दोस्ती एक बहुत शक्तिशाली राजा था,बहुत बड़े राज्य का राजा होने की वजह से आसपास के राज्यों में

Zindagi tukdon me by jayshree birmi

September 12, 2021

 जिंदगी टुकड़ों में एक बार मेरा एक दोस्त मिला,वह जज था उदास सा दिख रहा था। काफी देर इधर उधर

Leave a Comment