Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

poem

Sathi hath badhana by Anita Sharma

 *साथी हाथ बढ़ाना* साथी हाथ बढ़ाना, एक अकेला थका हारा हो, साथ साथ बढ़ना उसके। हाथों को थामे रखना अपनो …


 *साथी हाथ बढ़ाना*

Sathi hath badhana by Anita Sharma

साथी हाथ बढ़ाना,

एक अकेला थका हारा हो,

साथ साथ बढ़ना उसके।

हाथों को थामे रखना अपनो का साथ।

****

जीवन के झंझावातो से सीखें ,

निष्काम भाव का पाठ ,

गिरतो को संबल देना थामे रखना हाथ।

***

कर्तव्य स्मरण रहे सदा ही,

झुक कर अग्रसर होना जीवन में,

अंहम्-अंहकार से दूर-दूर  ही सहजता अपनाना।

***

कहीं कोई मजबूर मिले तो,

सबंल देकर साथी हाथ बढ़ाना,

सार्थक जीवन को कर उनमें खुशियों से भर लेना।

***

साथी हाथ बढ़ाना ।।।

—–अनिता शर्मा झाँसी

—–मौलिक रचना


Related Posts

कविता-जो अब भी साथ हैं

कविता-जो अब भी साथ हैं

July 13, 2025

परिवार के अन्य सदस्य या तो ‘बड़े आदमी’ बन गए हैं या फिर बन बैठे हैं स्वार्थ के पुजारी। तभी

कविता-सूखी लकड़ी की पुकार

कविता-सूखी लकड़ी की पुकार

July 10, 2025

मैं दर्द से तड़प रहा था — मेरे दोनों पैर कट चुके थे। तभी सूखी लकड़ी चीख पड़ी — इस

बुआ -भतीजी |kavita -bua bhatiji

बुआ -भतीजी |kavita -bua bhatiji

May 26, 2024

बुआ -भतीजी बात भले फर्ज़ी लगे, लेकिन इस में सच्चाई है। बुआ होती है भतीजी का आने वाला कल, और

श्रमिक | kavita -shramik

श्रमिक | kavita -shramik

May 26, 2024

एक मई को जाना जाता,श्रमिक दिवस के नाम से श्रमिक अपना अधिकारसुरक्षित करना चाहते हैं ,इस दिन की पहचान से।कितनी मांगे रखते श्रमिक,अपनी- अपनी सरकार से।

सुंदर सी फुलवारी| Sundar si phulwari

सुंदर सी फुलवारी| Sundar si phulwari

May 26, 2024

सुंदर सी फुलवारी मां -पिता की दुनिया बच्चे हैं,बच्चों की दुनिया मात- पिता ।रिश्ते बदलें पल- पल में ,मां -पिता

बचपन| kavita-Bachpan

बचपन| kavita-Bachpan

May 26, 2024

बचपन हंसता खिलखिलाता बचपन,कितना मन को भाता है। पीछे मुड़कर देखूं और सोचूं, बचपन पंख लगा उड़ जाता है। बड़ी

Leave a Comment