साड़ी द ग्रेट
कुछ दिनों से सोशल मीडिया में एक वीडियो खूब वायरल हो रहा हैं।दिल्ली के एक रेस्टोरेंट में साड़ी पहने आई एक सन्नारी को अंदर आने से रोका गया,जी ये दिल्ली का रेस्टोरेंट हैं कोई विदेशी नहीं।क्या भारतीय परिधानों में सब से शालीन साड़ी के साथ ऐसा दूरव्यवहार शोभनीय हैं क्या?
अपने देश के हरेक प्रांत में साड़ी खूब प्रचलित हैं,चाहे पहनने के तरीके अलग अलग हो। जैसे बंगाल में बिना चुन्नट के बांधी जाने वाली साड़ी भी खूब सजती हैं।गुजरात में पहनी जाने वाली सीधे पल्लू वाली साड़ी भी खूब सजती हैं।महाराष्ट्र में पहनी जाने वाली नौ गज की साड़ी भी खूब फबती हैं।
वैसे साड़ी की लंबाई ५ मीटर होना सामान्य हैं किंतु हरेक प्रांत में उनकी परंपरा के हिसाब से लम्बाई होती हैं।दक्षिण और राजस्थान में आधी लंबाई वाली साड़ी अलग ही तरीके से पहनी जाती हैं जिसमे घाघरें का घेरा ज्यादा होता हैं।
वैसे शादी ब्याह और धार्मिक प्रसंग और तेहवारों में साड़ी पहनने का अपना महत्व हैं। साड़ियां सिंथेटिक,सूती,सिल्क , ज्योर्जेट और दूसरे कई मेटिरियल्स से बनती हैं।अब तो रेडी टू वियर साड़ियां भी मिलने लगी हैं।
कुछ सालों तक साडियों का चलन कम हो गया था किंतु अब फैशन में साड़ियां वापस लौट रही हैं।सभी देशों का पहनावां उस देश की आबोहवा के अनुकूल ही होता हैं,इसलिए फैशन के लिए तो ठीक हैं किंतु अपना पहनावा बदलना कितना वाजिब होगा।
जयश्री बिरमी
अहमदाबाद

