Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

Jayshree_birmi, lekh

Rista me chhal by Jayshree birmi

 रिश्ता में छल कुछ दिन पहले गांधीनगर गुजरात  के मंदिर की गौ शाला में किसी का १० माह के बालक …


 रिश्ता में छल

Rista me chhal by Jay shree virami

कुछ दिन पहले गांधीनगर गुजरात  के मंदिर की गौ शाला में किसी का १० माह के बालक को छोड़ जाने के बारे में अखबार में पढ़ा था तो सोचा की कोई अनब्याही मां का काम होगा यह।गलत सामाजिक तरीकों से जीवन जीने वालों को अनैतिक तरीके अपनाने पड़ सकते हैं ये तय हैं।

 लेकिन जो हकीकत बाहर आई वह दिल दहला देने वाली हैं।सचिन एक शादी शुदा और एक बच्चे का पिता था। जो एक दिन खरीदारी करते हुए एक मेंहदी नाम की सेल्स गर्ल के संपर्क में आया ,पहचान हुई फिर दोस्ती और दोनों ने लिव–इन संबध के अंतर्गत साथ में रहने लगे।मेंहदी को भी पता था कि वह एक शादीशुदा आदमी के साथ अनैतिक  संबंध बना रही हैं फिर भी उसने सचिन को स्वीकार कर लिया और गृहस्थी बसा ली थी। सचिन ने भी उसे होंसला दिया था कि वह अपनी पत्नी  को तलाक दे कर और उसके  बच्चे को छोड़ कर उसको कानूनन  अपना लेगा।अब तक वह सप्ताह के चार दिन,सोमवार से शुक्रवार तक मेंहदी के साथ और शनि और रविवार को अपने परिवार के साथ रहता था।और ऐसे ही जीवन बीत रहा था।कुछ दो साल के सहजीवन के बाद शिवांग का जन्म हुआ और सुंदर बच्चे को पा कर मेंहदी खुश थी ,शिवांग भी १० महीने का हो गया था और शिवांगी उसके पहले जन्मदिन को मनाने का आयोजन करने लगी थी।लेकिन सचिन से उसकी ये  मांग हमेशा से रही कि उसे कानूनन पत्नी स्वीकार कर उसे और  उसके बच्चे को सारे अधिकार दें।

अब ये मांग  जगड़ों में रूपांतरित हो चुकी थी और आए दिन जगड़ों का स्वरूप उग्र से अति उग्र होता जा रहा था। सचिन १० दिनों के लिए अपने परिवार और माता पिता के साथ सामाजिक कार्य से बाहर जा रहा था और मेंहदी को ये मंजूर नहीं था।इसी बात पर हादसे के दिन खूब जगड़ा हुआ और सचिन ने मेंहदी को चांटा मार दिया।और मेंहदी ने भी उसका प्रतिरोध कर सामना किया और गुस्से में सचिन ने मेंहदी का गला घोंट हत्या करदी, रोता हुआ शिवांग ये सब देख तो रहा था किंतु उस १० माह के मासूम को क्या हो रहा था वह कहां से समझ आएगा?

जब सचिन को अपनी भयंकर परिस्थिति के बारे में होश आया तो उसने मेंहदी की लाश को ठिकाने लगाने के लिए कहीं फेंकने के लिए बैग में भर ली।लेकिन समय के अभाव में वही बाथरूम में बैग को छोड़ शिवांग को उठा कर अपने घर न ले जाकर मंदिर की गौशाला में छोड़ दिया ताकि उसे वहा आसरा मिले।कुछ दिनों की जांच में सचिन पकड़ा गया और पुलिस जांच कर रही हैं।अब सचिन का गुनाह साबित होने पर सचिन को सज़ा हो जायेगी,मां मेंहदी तो भगवान को प्यारी हो चुकी हैं तो क्या होगा इस मासूम का? अपने माता पिता की गलती की सज़ा उस मासूम को  मिलेगी!और सचिन के अपने बच्चा ,पत्नी और माता पिता भी बेकसूर होते हुए भी सज़ा पाएंगे।क्या अनैतिकता का परिणाम कभी सही हो सकता हैं?मुक्त जीवन के पक्ष में सोचने वालों के लिए ये एक वार्निंग हैं।अपने जीवन को दांव पर लगा क्या पाया मेंहदी ने? और अपने पत्नी और बच्चे से की बेवफाई कर क्या पाया सचिन ने?ये सिर्फ  एक हादसा नहीं अपने समाज में फैल रही अपने आप को आधुनिक समझने वाली विचार शैली का असर हैं।

जयश्री बिर्मी 

अहमदाबाद


Related Posts

Lekh aa ab laut chalen by gaytri bajpayi shukla

June 22, 2021

 आ अब लौट चलें बहुत भाग चुके कुछ हाथ न लगा तो अब सचेत हो जाएँ और लौट चलें अपनी

Badalta parivesh, paryavaran aur uska mahatav

June 12, 2021

बदलता परिवेश पर्यावरण एवं उसका महत्व हमारा परिवेश बढ़ती जनसंख्या और हो रहे विकास के कारण हमारे आसपास के परिवेश

lekh jab jago tab sawera by gaytri shukla

June 7, 2021

जब जागो तब सवेरा उगते सूरज का देश कहलाने वाला छोटा सा, बहुत सफल और बहुत कम समय में विकास

Lekh- aao ghar ghar oxygen lagayen by gaytri bajpayi

June 6, 2021

आओ घर – घर ऑक्सीजन लगाएँ .. आज चारों ओर अफरा-तफरी है , ऑक्सीजन की कमी के कारण मौत का

Awaz uthana kitna jaruri hai?

Awaz uthana kitna jaruri hai?

December 20, 2020

Awaz uthana kitna jaruri hai?(आवाज़ उठाना कितना जरूरी है ?) आवाज़ उठाना कितना जरूरी है ये बस वही समझ सकता

azadi aur hm-lekh

November 30, 2020

azadi aur hm-lekh आज मौजूदा देश की हालात देखते हुए यह लिखना पड़ रहा है की ग्राम प्रधान से लेकर

Previous

Leave a Comment