Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

laghukatha, story

Nadan se dosti kahani by jayshree birmi

 नादान से दोस्ती एक बहुत शक्तिशाली राजा था,बहुत बड़े राज्य का राजा होने की वजह से आसपास के राज्यों में …


 नादान से दोस्ती

Nadan se dosti kahani by jayshree birmi

एक बहुत शक्तिशाली राजा था,बहुत बड़े राज्य का राजा होने की वजह से आसपास के राज्यों में जितना दबदबा था उतना ही मन था।प्रजा वत्सल तो था ही वह क्योंकि अपनी प्रजा के लाभों के लिए बहुत ही जागृत था।तालाब,सराइयां,मंदिर आदि का निर्माण करवाता था।

उसके मंत्रियों में भी बहुत ही विद्वानों और बुद्धिमानॉ को जगह दी थी और कार्यकुशल लोगो की सलाह से बहुत अच्छी तरह राजकाज करता था।

 एकबार उसके राज्य में कोई विद्वान आया जिसके साथ एक बंदर था,बहुत ही हुशियार बंदर था ,सभी कार्यों में निष्णांत।उसे बोलेंगे वही काम कर के आता था बिना गलती।चाहे वह पानी या खाना ले के आना हो या रानीवास में चीजें या खत पहुंचाने हो,बस क्षणों में सब निबटा देता था।राजा को तो ये बंदर पसंद आ गया तो उस विद्वान ने राजा को भेंट कर दिया और सलाह दी कि यह चाहे सारे काम कर लेता हो किंतु एक बात याद रखें कि ये हैं तो बंदर ही।और वह राजा से बहुत बड़ी बक्शीस ले चला गया।राजा को तो एक बिन वेतन का सेवक मिल गया और साथी भी।

  राजा के सारे कार्य कर बंदर ने उन्हें खुश कर दिया तो अब वह सभी जगह पर राजा के साथ ही रहता था।एकबार राजा शिकार करने गया अपने दरबारियों और दूसरे सेवकों के साथ तो बंदर भी साथ में गया।शिकार के पीछे दौड़ दौड़ सारे ही थक गए थे तो एक पेड़ के नीचे आराम करने लगे।राजा ने अपनी तलवार निकाल बंदर को थमा दी और उनकी रक्षा करने की बात समझा दी,और बंदर भी पूरी मुस्तेदी से खड़ा हो गया हाथ में तलवार ले कर।अब हुआ यूं कि एक मक्खी बार बार आ राजा के नाक पर बैठती और राजा थोड़ा सा हिल डुल उसे उड़ता था,और जब  बंदर ने ये देखा तो वह भी हाथ से उसे उड़ता रहा। मक्खी तो मक्खी हैं जितना उड़ाओ वापस वहीं की वहीं आके बैठती थी अब तो बंदर को आया गुस्सा और उसे मारने के लिए तलवार उठा दी और जैसे ही आके नाक पर बैठी तो तलवार से वर कर दिया और काट गई राजा की नाक।खूब चिल्लाया राजा बंदर के उपर किंतु अब क्या नाक तो कट ही गई थी।बंदर को मार भगाया राजा के सेवको ने और राजा के नाक की मरहम पट्टी कर दी।तो मूर्ख मित्र से सयाना दुश्मन होना लाभदाई होता हैं।

 ये कहानी में पत्रों को देख राजा के स्थान पर चीन और बंदर के स्थान पर तालिबान को रखे तो चीन का  भविष्य दिख जाता है।

जयश्री बिरमी

निवृत्त शिक्षिका

अहमदाबाद


Related Posts

Laghukatha-Mummy| लघुकथा-मम्मी

March 6, 2023

मम्मी किटी पार्टी जमी हुई थी। अचानक बच्चों की कहानियां कहने की बात चली तो मिसेज रावत ने कहा, “भई

लघुकथा -मानव संग्रहालय| Laghukatha- manav sangrahalay

March 5, 2023

मानव संग्रहालय साल 3050। फ्लाइंग कार पार्किंग में लैंड कर के रोबो परिवार के बाल रोबोट खिड़की की ओर दौड़े।

Laghukatha-Pizza| लघुकथा-पिज्जा

March 5, 2023

 लघुकथा-पिज्जा हाईवे पर बने विशाल फूड जोन में केवला को नौकरी मिल गई थी। बस, कोने में खड़े रहना था

Story -बुरे काम का बुरा नतीजा ‘झाउलाल’

March 5, 2023

 ‘झाउलाल’ झाउलाल बड़े मनमौजी थे। कामचोरी विद्या में निपुण थे। तरह – तरह की तरकीब उनके पास था,काम से बचने

लघुकथा–ऊपरवाला सब देख रहा है

February 8, 2023

लघुकथा–ऊपरवाला सब देख रहा है रंजीत के पास धंधे के तमाम विकल्प थे, पर उसे सीसी टीवी का धंधा कुछ

लघुकथा-उपकार | Laghukatha- upkar

February 6, 2023

लघुकथा-उपकार रमाशंकर की कार जैसे हो सोसायटी के गेट में घुसी, गार्ड ने उन्हें रोक कर कहा, “साहब, यह महाशय

PreviousNext

Leave a Comment