Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

poem

megha kavita by anita sharma jhasi

 मेघा मेघा छाये मन ललचाये , उमस गर्मी भी झुलसाये । तरसाते मेघा घिर-घिर कर , आसमान में छाते तो …


 मेघा

megha kavita by anita sharma jhasi

मेघा छाये मन ललचाये ,

उमस गर्मी भी झुलसाये ।

तरसाते मेघा घिर-घिर कर ,

आसमान में छाते तो है ,

उमड़-घुमड़ बरसाये न ।

मन बेचैन बहुत होता है ,

श्वेत रजत टपके झलके ।

अब तो मेघा न तरसाओ ,

बूँदो की पाजेब झनकाओ,

बरस धरा की प्यास बुझाओ।

सूख रहे वृक्ष धरा के ,

सूख रहे पोखर और नदिया ।

पंछी तरस रहे बूँदो को ,

सीपी मोती देगी कैसे ,

स्वाती नक्षत्र की बूँदें दो ।

**

कृषकों को न निराश करो ,

बारिश को तरसे प्राणी ।

टिटहरी व्याकुल उड़कर बोले,

काले मेघा बरस पड़ो अब।

त्राहि-त्राहि जग करता है ,

अब मेघों मत तरसाओ ।

काले मेघा घिर आओ नभ पर,

बरसो अमृत जल बन कर।।

–अनिता शर्मा झाँसी–

–स्वरचित रचना-


Related Posts

kavita is dhara par aurat by mahesh kumar keshri

June 2, 2021

 कविता..  इस धरा पर औरतें..  हम,  हमेशा खटते मजदूरों की तरह, लेकिन, कभी मजदूरी  नहीं   पातीं .. !!  और, आजीवन

kavita ahankar by mosam khan alwar

June 2, 2021

कविता–अहंकार अहंकार एक अंधियारा है,जग में सबसे ये न्यारा है,ऊंच नीच का भेद नहीनित जीवन में ललकारा है।। अहंकार में

kavita kahan chale gaye tum by Ramesh verma

June 2, 2021

कहॉं चले गये तुम खत से निकल कर  बेजान खत मेरे पास रह गये शब्दों से तुमको सजाया था  वही

kavita Aaj nikal gya by anita sharma

June 2, 2021

 आज निकल गया  हम कल को संवारने में लगे कि, आज फिसल गया।हम बुन रहे थे भविष्य को कि,आज निकल

kavita anpadh beti by mosam khan alwar

June 1, 2021

नमस्कार साथियों मै मौसम खान मेवात अलवर राजस्थान से हूं मेरी ये कविता में मेवाती में लिख रहा हु जिसमे

Kavita mere mulk ki media by golendra patel

June 1, 2021

 मेरे मुल्क की मीडिया बिच्छू के बिल में नेवला और सर्प की सलाह पर चूहों के केस की सुनवाई कर

Leave a Comment