Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

poem

Manmohna by dr indu kumari

 मनमोहना            मनमोहना इतना बता . तू कहां नहीं हो              …


 मनमोहना 

Manmohna by dr indu kumari

          मनमोहना इतना बता .

तू कहां नहीं हो 

            राधा मीरा रुक्मणि 

के ही इर्द -गिर्द नहीं 

              तु तो हृदय के कण -कण में 

जनसमूह के तन -मन में 

                प्रेम के गलियन में 

श्रद्धा के आलिंगन में 

                मन मोहे रूप तुम्हारे 

अपनी ओर सदा ही 

           खींचे ये मुस्कान तुम्हारे 

तेरी कृपा जिन पर हो जाए 

           जीवन धन्य -धन्य हो जाए 

जीव के पीव जब तु हो 

      फिरइतने दुर क्यों हो 

मुस्कान बन होठों पर आओ 

            हमेंअपना निज कर्म 

बताओ 

सबकी पीड़ा हरने वाले 

      मेरी भी हर लो चितचोर 

इन्दु की ये आस को मोहन 

भक्ति से कर दो सराबोर 

जगमग हो जाए चहुँ ओर 

            स्व रचित 

डॉ. इन्दु कुमारी 

               हिन्दी विभाग मधेपुरा बिहार पिन 852113


Related Posts

कविता तुम्हारा इंतज़ार | kavita tumhara intezar

December 30, 2023

तुम्हारा इंतज़ार सुनो दिकु… तुम्हारे इश्क में टूटकर बिखर रहा हूँमें आज भी तुम्हारे इंतज़ार में जी रहा हूँ कभी

आपकी तारीफ के लिए अल्फाज नही

December 30, 2023

 आपकी तारीफ के लिए अल्फाज नही तेरी सूरत,और तासीर,की अल्फाज बया करे,तुम फूल हो गुलाब का ये मौसम बया करे।।फैले

Kavita – antim iccha | अंतिम इच्छा

December 30, 2023

अंतिम इच्छा सुनो दिकु… बस एक अंतिम इच्छा हैतुम से मुलाकात करने कीमेरे जीवन में तुम्हारा जो महत्त्व है उसपर

कविता-सूखा पेड़ | sukha ped

December 30, 2023

कविता-सूखा पेड़ सूखे पेड़ को भी हराभरा होने की आश हैजैसे किसी प्यासे को पानी की प्यास हैदूसरे हरेभरे वृक्ष

कविता – तितली | kavita Titli

November 26, 2023

कविता :तितली | kavita – Titli  आसमान है रंग-बिरंगीरातों की झिलमिल-झिलमिलऔ तारों की चमक सुनहलीतितली के पंखों – सी उड़ी

कविता –औरत संघर्ष

November 14, 2023

कविता –औरत संघर्ष मेरी दोस्त! जब मैंने तुम्हें पढा़,तब मुझे एक जीवंत स्त्रीत्व का बीता हुआ कल स्मरण हो आया..राजनीतिक

PreviousNext

Leave a Comment