Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

Aalekh, lekh

maa ko chhod dhaye kyo lekh by jayshree birmi

 मां को छोड़ धाय क्यों? मातृ भाषा में व्यक्ति अभिव्यक्ति खुल के कर सकता हैं।जिस भाषा सुन बोलना सीखा वही …


 मां को छोड़ धाय क्यों?

maa ko chod dhaye kyo lekh by jayshree birmi

मातृ भाषा में व्यक्ति अभिव्यक्ति खुल के कर सकता हैं।जिस भाषा सुन बोलना सीखा वही आपकी अपनी भाषा होती हैं।वैसे ही राष्ट्रभाषा होती हैं,जो आपकी राष्ट्रीयता हैं उसी देश की भाषा चलन रखना चाहिए।वैसे भी हिंदी भाषा एक ऐसी भाषा हैं जो दूसरी भाषाओं में काफी कुछ स्वीकार कर चुकी हैं।पश्चिम प्रांतों की हिंदी पर अवधि भाषा का प्रभाव हैं तो पूर्व में अर्धमाग्धि का।लिखने में देवनागरी लिपि का प्रयोग होता हैं।अब भी हिंदी बहुत ही स्वीकृत करने वाली भाषा हैं,कई अंग्रजी और दूसरी भाषाओं के शब्दो को भी स्वीकार किया है।

 वैसे बार (१२) कोस पर बोली बदलती हैं ।ये दो जगहों के मिलन स्थान की वजह से हैं।अगर मारवाड़ी बोली देखे तो उस पर गुजराती की जलक दिखेगी। कच्छी भाषा में भी सिंधी और गुजराती का समन्वय दिखता ही हैं।वैसे सभी भाषाओं की जननी संस्कृत का असर तो कई विदेशी भाषाओं में भी देखा जायेगा।

 सब भाषाओं की अपनी अपनी लक्षणिकताएं होती हैं।किंतु मात्रा और अनुस्वार वाली भाषाओं की अपना महत्व हैं,उन्हे समृद्ध भाषा के सकते हैं।अगर अंग्रेजी में Ahmedabad लिखें तो ९ अक्षर होते हैं और हिंदी में अहमदाबाद लिखे तो ६ अक्षर और दो मात्रा में लिखा जायेगा।

 आज कल ग्लोबल भाषा अंग्रेजी का महत्व बढ़ता जाता हैं,मातृ भाषा और राष्ट्र भाषा को छोड़ सभी को अंग्रेजी का मोह सा लगा हैं।और अंग्रेजी को जानना जरूरी हैं किंतु मातृभाषा या राष्ट्रभाषा को छोड़ कर नहीं तीनों का साथ साथ,जगह और जरूरत के हिसाब से उपयोग करना चाहिए।

हमारी राष्ट्रभाषा बहुत ही समृद्ध और पुरानी भी हैं जिसे स्वीकृत कर अपनी धरोहर को संभालना अति आवश्यक हैं वरना लुप्त होते देर नहीं लगेंग। सरकारें अपनी तरफ से काफी कोशिशें करती रही हैं और करेगी भी, किंतु इस देश के नागरिकों का भी इन्हे मान प्रदान करना  अति आवश्यक बनता हैं।अगर नहीं तो मां को छोड़ धाय के दूध बच्चों को पिलाने वाली बात हो जायेगी।

जयश्री बिर्मी

अहमदाबाद


Related Posts

lekh jab jago tab sawera by gaytri shukla

June 7, 2021

जब जागो तब सवेरा उगते सूरज का देश कहलाने वाला छोटा सा, बहुत सफल और बहुत कम समय में विकास

Lekh- aao ghar ghar oxygen lagayen by gaytri bajpayi

June 6, 2021

आओ घर – घर ऑक्सीजन लगाएँ .. आज चारों ओर अफरा-तफरी है , ऑक्सीजन की कमी के कारण मौत का

Awaz uthana kitna jaruri hai?

Awaz uthana kitna jaruri hai?

December 20, 2020

Awaz uthana kitna jaruri hai?(आवाज़ उठाना कितना जरूरी है ?) आवाज़ उठाना कितना जरूरी है ये बस वही समझ सकता

azadi aur hm-lekh

November 30, 2020

azadi aur hm-lekh आज मौजूदा देश की हालात देखते हुए यह लिखना पड़ रहा है की ग्राम प्रधान से लेकर

Previous

Leave a Comment