Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

lekh, लेख

Lekh aa ab laut chalen by gaytri bajpayi shukla

 आ अब लौट चलें बहुत भाग चुके कुछ हाथ न लगा तो अब सचेत हो जाएँ और लौट चलें अपनी …


 आ अब लौट चलें

Lekh aa ab laut chalen by gaytri bajpayi shukla

बहुत भाग चुके कुछ हाथ न लगा तो अब सचेत हो जाएँ और लौट चलें अपनी संस्कृति की गोद में जो आज भी जीवित है हम सबके अंतरात्मा में । जी हाँ ! आज हम अपनी योग की शक्ति पर प्रकाश डालेंगे जो हमारी भारतीय संस्कृति की देन है । सुबह का भूला शाम को घर आ जाए तो उसे भूला नहीं कहते उसी तरह अगर हम योग की ओर लौट आएँ तो हम अब भी आने वाली पीढ़ी को उत्तम सौगात दे सकते हैं । योग की शक्ति को अब पूरे विश्व ने स्वीकारा है इस बात पर हमें गर्व होना चाहिए ।

योग जीवन जीने की कला का आधार है और हम उसी से अनभिज्ञ हैं । योग किसी भी उम्र के व्यक्ति और बच्चे कर सकते हैं बल्कि किसी भी उम्र से आरंभ कर सकते हैं कोई बंधन नहीं है । शुरूआत अगर बाल्यावस्था से हो तो क्या कहने । बच्चों में अविलंब आदत डाल दीजिए योग और प्राणायाम की यही आपकी ओर से उन्हे सदा स्वस्थ और सानंद रहने का आशीर्वाद होगा जिसे फलीभूत होते भी आप तत्काल देख सकेंगे । यह तभी संभव है जब घर – घर में सुबह उठकर ध्यान, योग, प्राणायाम करने की परंपरा हो । सबकुछ तगड़ी फीस देकर आप नहीं सिखा सकते बच्चों को । बच्चे हर पल अपने आस-पास अपने परिजनों को जो करते देखते हैं वही सबसे अच्छी तरह सीखते हैं । इसलिए अब स्वयं को बदलें अपने बच्चों के लिए तो ऐसा कर ही सकते हैं ।

कुछ प्रमुख योग आसन और प्राणायाम जो सभी को करना ही चाहिए जैसे कपालभाति, अनुलोम-विलोम द्वारा कई आम और गंभीर बीमारियाँ दूर होती हैं ।

महिलाओं, बहन – बेटियों के लिए तो योग रामबाण औषधि है। मासिक धर्म , गर्भ धारण , मीनोपॉज जैसे शारीरिक प्रकियाओं से हर स्त्री को दो-चार होना पड़ता है । योग द्वारा सभी प्रकार की समस्या से निपटने का रास्ता मिल जाता है ।हर कष्ट का उपाय है इनमें जो बड़े ऑपरेशन से बचा लेजाते हैं । बेटियों को तो अनिवार्य रूप से योग की आदत डाल दें जिससे भविष्य में होने वाली किसी भी शारीरिक कष्ट से निपटने को वह तैयार रहे । बात सिर्फ बेटियों की नहीं बेटों को भी योगी बनाएँ, जो उन्हे गलत प्रवृत्ति की ओर जाने ही नहीं देगा । एकाग्रचित्त बनेंगे, मन प्रसन्न रहेगा और सभी प्रकार के व्यसन से कोसों दूर रहेंगे, उत्तम व्यक्तित्व का विकास होगा । यही तो चाहते हैं न हम अपनी संतानों से! शारीरिक और मानसिक दोनो के विकास के लिए सरल सनातन मार्ग ही श्रेष्ठ है वो है योग ।

आजकल जिम जाने का बेहूदा चलन सिर चढ़कर बोल रहा है । कितना लाभ है इससे बिना इसपर विचार किए युवा वर्ग इसकी ओर इसकी ओर इस कदर आकर्षित है कि अनाप-शनाप पैसे खर्च करने से परहेज नहीं करते । जब विदेश में योग – प्राणायाम को सर आँखों पर बिठाया गया तब हमें इनके महत्व का भान हुआ ।

खैर जब जागो तब सवेरा! आइए अब लौट चलें अपनी प्राचीन परंपरा संस्कृति की ओर और योगी बनें ।

गायत्री बाजपेई शुक्ला

रायपुर (छ .ग.)


Related Posts

डिजिटल विज्ञापन नीति 2023 को मंजूरी मिली

November 14, 2023

डिजिटल विज्ञापन नीति 2023 को मंजूरी मिली – निजी साइट और एप दायरे में आएंगे भारत में इंटरनेट सोशल और

दीप जले दीपावली आई

November 10, 2023

दीप जले दीपावली आई – धनतेरस ने किया दीपावली पर्व का आगाज़ पांच दिवसीय दीपावली पर्व धनतेरस के भावपूर्ण स्वागत

भारत दुनियां की फुड बॉस्केट बनेगा

November 10, 2023

वर्ल्ड फूड इंडिया महोत्सव 3-5 नवंबर 2023 पर विशेषभारत दुनियां की फुड बॉस्केट बनेगा,अर्थव्यवस्था बुलंदीयां छुएगी खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों में

अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने समावेशी व्यापार का महत्वपूर्ण योगदान

November 10, 2023

अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने समावेशी व्यापार का महत्वपूर्ण योगदान भारत को दुनियां की तीसरी अर्थव्यवस्था त्वरित बनाने समावेशी व्यापार को

रंगत खोते हमारे सामाजिक त्यौहार।

November 10, 2023

रंगत खोते हमारे सामाजिक त्यौहार। बाजारीकरण ने सारी व्यवस्थाएं बदल कर रख दी है। हमारे उत्सव-त्योहार भी इससे अछूते नहीं

पीढ़ी के अंतर को पाटना: अतीत, वर्तमान और भविष्य को एकजुट करना

November 8, 2023

पीढ़ी के अंतर को पाटना: अतीत, वर्तमान और भविष्य को एकजुट करना पीढ़ी का अंतर एक कालातीत और सार्वभौमिक घटना

PreviousNext

Leave a Comment