Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

laghukatha-eklavya-ka-angutha

लघुकथा-एकलव्य का अंगूठा laghukatha-eklavya-ka-angutha  स्कूल यूनीफॉर्म का मोजा पहनते ही पांच में से तीन अंगुलियां बाहर आ गईं। विधवा मां …


लघुकथा-एकलव्य का अंगूठा

laghukatha-eklavya-ka-angutha
laghukatha-eklavya-ka-angutha 
स्कूल यूनीफॉर्म का मोजा पहनते ही पांच में से तीन अंगुलियां बाहर आ गईं। विधवा मां ने देखा तो उसकी समझ में नहीं आया कि क्या किया जाए।

पर समझदारी तो उसने बेटे को बचपन में ही पिला दी थी। इसलिए दीनू यानी दिनेश ने कहा, “मां आज स्टेट डिबेट में सेलेक्शन हो जाने दीजिए, फिर तो तुम्हारा यह बेटा फर्स्ट प्राइज जीत ही लाएगा। और इनाम की जो रकम मिलेगी, उसमें मेरा मोजा तो क्या, देखना तुम्हारे लिए साड़ी भी ले आऊंगा।”
किसी बीड़ी कंपनी के थैले जैसे प्लास्टिक बैग में कापी-किताबें ले कर दीनू स्कूल जाने के लिए निकल पड़ा। दीनू छोटा था, तब की एक बात मां को याद आ गई। एक बार वह झोपड़ी के बाहर पड़ोस के बच्चों के साथ खेल रहा था। तभी किसी बच्चे ने उससे पूछा, “दीनू ऐसा कौन सा काम है, जो तू जीवन में एक बार जरूर करना चाहता है?”
नन्हे दीनू ने कहा था, “सुना है कि पेट भर खाने के बाद डकार आती है। मैं चाहता हूं कि जीवन में एक बार मुझे भी डकार आए।”
उसी दिन से पेट काट कर बेटे को पढ़ा-लिखा कर सक्षम बनाने के लिए मां मेहनत कर रही थी और दीनू भी पढ़ाई से ले कर हर प्रवृत्ति में सब से आगे था।
स्कूल पहुंच कर प्रार्थना से ले कर क्लास में भी वह शेखर मास्टर के आगे-पीछे रहने की कोशिश करता रहा। जब से उसे पता चला था कि बेस्ट स्पीकर के अवार्ड में 11हजार रुपए नकद इनाम है, तब से स्टेट डिबेट कंपटीशन उसके लिए प्रतियोगिता नहीं लक्ष्य हो गया था।
शेखर मास्टर को ही नेशनल डिबेट कंपटीशन में भेजने के लिए विद्यार्थियों का सेलेक्शन करना था। पहला नाम था दीनू का था और दूसरा नाम था उनके घर पर्सनल ट्यूशन के लिए आने वाले संजय का। शेखर मास्टर ने एक झटके में एक नाम निकाल दिया और उस समय भी एकलव्य का अंगूठा कट गया।

About author 

वीरेन्द्र बहादुर सिंह जेड-436ए सेक्टर-12, नोएडा-201301 (उ0प्र0) मो-8368681336

वीरेन्द्र बहादुर सिंह
जेड-436ए सेक्टर-12,
नोएडा-201301 (उ0प्र0)


Related Posts

शब्दों की नग्नता ढ़ांकने का सर्वोच्च अदालत का प्रयास

August 31, 2023

शब्दों की नग्नता ढ़ांकने का सर्वोच्च अदालत का प्रयास स्त्री जन्म से ही स्त्री नहीं होती, उसे स्त्री बनाया जाता

सुपरहिट नसबंदी : क्या मिल गया सरकार को नसबंदी करा के, हमारी बंसी बजा के…

August 11, 2023

सुपरहिट नसबंदी : क्या मिल गया सरकार को नसबंदी करा के, हमारी बंसी बजा के… हिंदी फिल्मों के हास्य कलाकारों

मेरा साया : राज खोसला की ट्रायोलाॅजी की तीसरी परछाई

August 11, 2023

सुपरहिट मेरा साया : राज खोसला की ट्रायोलाॅजी की तीसरी परछाई पिछली बार हमने ‘मेरा साया’ फिल्म के लोकप्रिय गाने

laghukatha-eklavya-ka-angutha

July 31, 2023

लघुकथा-एकलव्य का अंगूठा laghukatha-eklavya-ka-angutha  स्कूल यूनीफॉर्म का मोजा पहनते ही पांच में से तीन अंगुलियां बाहर आ गईं। विधवा मां

premchandra jayanti सिनेमा का ‘प्रेम’ और साहित्य का ‘चंद’

July 28, 2023

 प्रेमचंद जयंती पर विशेष Premchandra jayanti special  फिल्मों में प्रेमचंद : सिनेमा का ‘प्रेम’ और साहित्य का ‘चंद’ धनपतराय श्रीवास्तव

झुमका गिरा रे, बरेली के बाजार में : पर किस तरह और क्यों

July 27, 2023

सुपरहिट :झुमका गिरा रे, बरेली के बाजार में : पर किस तरह और क्यों झुमका गिरा रे, बरेली के बाजार

Leave a Comment