Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

poem

kavita-tufaan by anita sharma

  “तूफान” कोरोना का संकट कम था क्या?जो,प्राकृत आपदा टूट पड़ी । कहीं घरों में पानी घुसा,कहीं आँधी से वृक्ष …


  “तूफान”

kavita-tufaan by anita sharma

कोरोना का संकट कम था क्या?
जो,प्राकृत आपदा टूट पड़ी ।

कहीं घरों में पानी घुसा,
कहीं आँधी से वृक्ष गिरे।

तेज हवाओं ने झंझावातो में डाल दिया, खंबो तारों को अव्यवस्थित कर बिजली संकट बढ़ा दिया।

अस्पतालो में बिन बिजली,
मरीजों की जान पर बन आई ।

विधाता की लीला समझ न आई,
चारों ओर त्राहि त्राहि का स्वर गूँजा।

हुआ वार पर वार बड़ा,
तबाही का आलम खूब दिखा।

समुद्रो की लहरों ने भी,
मचल उठा कोलाहल तूफान मचाया।

प्रकोप कहूँ,आपदा कहूँ ,
या मानवता का भौतिक आकर्षण।

आँधी-पानी ने जीवन झकझोर दिया,
रुका थका बोझिल सा इन्सान ।

अब कहर से राहत दो परमपिता,
अपनी सृष्टि का नव सृजन करो।।
—-अनिता शर्मा झाँसी
(मौलिक रचना)



Related Posts

नव वसंत | Nav basant by priti Chaudhary

July 24, 2023

नव वसंत नव वसंत तुम लेकर आना, पतझर सा है यह जीवन। सूख चुकी है सब शाखाएँ, झरते नित ही

कविता -जीभ|ज़बान | kavita :jeebh | jaban

July 21, 2023

कविता -जीभ|ज़बान | kavita:jeebh | jaban आवाज़ की तेरे मैं साथी,स्वाद से कराती तेरी पहचान।चाहे हो भोजन या फिर रिश्ते,मेरा

जाने किसने… | Jaane kisne…

July 20, 2023

जाने किसने… डूब रहा आकंठ आज मन, भावों के आकर्षण में। जाने किसने गंध बिखेरी, मेरे मानस दर्पण में।। यादों

इसांनियत पर कविता| insaniyat par kavita

July 20, 2023

भावनानी के भाव इसांनियत को जाहिर कर स्वार्थ को मिटाना है इसांनियत को जाहिर कर स्वार्थ को मिटाना हैबस यह

परिवार से बड़ा सृष्टि में कोई लोक नहीं

July 18, 2023

भावनानी के भाव परिवार से बड़ा सृष्टि में कोई लोक नहीं परिवार से बड़ा सृष्टि में कोई लोक नहींबहन से

पानी का मूल्य और मानव | pani ke mulya aur manav par kavita

July 12, 2023

भावनानी के भाव पानी का मूल्य और मानव को समझना है पानी बचाने की ज़वाबदेही निभाना है पानी का मूल्य

PreviousNext

Leave a Comment