शीर्षक: पवित्र रिश्ता
प्रेम का इंतज़ार अपनी दिकु के लिए
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प्रेम ठक्कर
सूरत ,गुजरात
शीर्षक: पवित्र रिश्ता सुनो दिकु… दुख अब अकेले नहीं सहा जा रहा तुम आज होती तो लिपटकर रो लेता मेरी …
शीर्षक: पवित्र रिश्ता
प्रेम का इंतज़ार अपनी दिकु के लिए
प्रेम ठक्कर
सूरत ,गुजरात
June 8, 2021
पच्छिम दिशा का लंबा इंतजार.. मंझली काकी और सब कामों के तरह ही करतीं हैं, नहाने का काम और बैठ
June 8, 2021
ग़ज़ल :- “अतीत का गीत” आज तुम पर कोई गीत लिखने बैठा हूँ तुम्हें इस मन का मीत लिखने बैठा हूँ
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June 7, 2021
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June 6, 2021
“तूफान” कोरोना का संकट कम था क्या?जो,प्राकृत आपदा टूट पड़ी । कहीं घरों में पानी घुसा,कहीं आँधी से वृक्ष