Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

poem

Kavita kyu aapas me ladna by kamal siwani

 क्यूँ आपस में लड़ना ? जाति -धर्म के नाम पर नित दिन, क्योंकर रार मचाते ? हर मानव एक ही …


 क्यूँ आपस में लड़ना ?

Kavita kyu aapas me ladna by kamal siwani



जाति -धर्म के नाम पर नित दिन, क्योंकर रार मचाते ?
हर मानव एक ही जैसे हैं , इसे समझ ना पाते ?

झगड़ा – झंझट , मारपीट , इससे क्या हासिल होता ?
उसकी आग में झुलस के अगणित , घर-परिवार है रोता।।

हँसी – खुशी से हर कोई अपना , जीवन जीना जाने ।
ठेस ना पहुँचे किसी उर को , भाव ये मन में ठाने ।।

देना अगर जो है औरों को , केवल प्यार जा बाँटें ।
हरगिज नहीं किसी को हम , बोलें दो कड़वी बातें ।।

इससे फैलेगा चारों ओर , प्रेम – भाव का रिश्ता ।
द्वेष – भाव की गलियों में , कोई ना मिले पिसता । ।

हो मतभेद विचारों में पर , मन में भेद ना होवे ।
जिससे कि संबंधहीन हो , जाकर कोई रोवे ।।

कितना सुंदर इस प्रकृति ने, अगणित बाग लगाया ।
भाँति -भाँति के सुमन सजाकर ,इसको विविध बनाया ।।

इसकी इस मनहर छवि को देख , कर हम हर्षित सोवें ।
बिखर न जाएँ धरा से ये, इन्हें हम सदा सँजोवें ।।

हँसते – गाते सभी मिलें , ये कितना सुंदर होगा !
स्वर्गिक सुख चहुँओर फैले , बने ये सुसंयोगा ।।
— कमल सीवानी , रामगढ़ ,सीवान ,बिहार


Related Posts

कविता-सूखी लकड़ी की पुकार

कविता-सूखी लकड़ी की पुकार

July 10, 2025

मैं दर्द से तड़प रहा था — मेरे दोनों पैर कट चुके थे। तभी सूखी लकड़ी चीख पड़ी — इस

बुआ -भतीजी |kavita -bua bhatiji

बुआ -भतीजी |kavita -bua bhatiji

May 26, 2024

बुआ -भतीजी बात भले फर्ज़ी लगे, लेकिन इस में सच्चाई है। बुआ होती है भतीजी का आने वाला कल, और

श्रमिक | kavita -shramik

श्रमिक | kavita -shramik

May 26, 2024

एक मई को जाना जाता,श्रमिक दिवस के नाम से श्रमिक अपना अधिकारसुरक्षित करना चाहते हैं ,इस दिन की पहचान से।कितनी मांगे रखते श्रमिक,अपनी- अपनी सरकार से।

सुंदर सी फुलवारी| Sundar si phulwari

सुंदर सी फुलवारी| Sundar si phulwari

May 26, 2024

सुंदर सी फुलवारी मां -पिता की दुनिया बच्चे हैं,बच्चों की दुनिया मात- पिता ।रिश्ते बदलें पल- पल में ,मां -पिता

बचपन| kavita-Bachpan

बचपन| kavita-Bachpan

May 26, 2024

बचपन हंसता खिलखिलाता बचपन,कितना मन को भाता है। पीछे मुड़कर देखूं और सोचूं, बचपन पंख लगा उड़ जाता है। बड़ी

आखा बीज | aakha beej

आखा बीज | aakha beej

May 26, 2024

आखा बीज भारत में कई राज्य हैं, उनमें राजस्थान है एक। राजस्थान में शहर बीकानेर, कहते हैं जिस को बीकाणा।

Leave a Comment