Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

poem

kavita Dhairya na khona tum. samunder singh

कविता – धैर्य न खोना तुम आँसू से मुँह न धोना तुम। जीवन में धैर्य न खोना तुम।हर दिन सपने …


कविता – धैर्य न खोना तुम

kavita Dhairya  na khona tum. samunder singh

आँसू से मुँह न धोना तुम।
जीवन में धैर्य न खोना तुम।
हर दिन सपने उन्नति के,
दिल की मिट्टी में बोना तुम।
हर पल है अनमोल यहाँ ,
इसको व्यर्थ न खोना तुम।
कठिनाई आएं राहों में,
पर विचलित न होना तुम।
कुछ दुख के बादल छाए हैं ,
इन्हें देख न रोना तुम।
आशाओं की लड़ियों में ,
मायूसी न पिरोना तुम ।
असफलताओं का बोझा ,
जिंदगी भर न ढोना तुम।
जब तक न मिले मंजिल ,
“पंवार ” चैन से न सोना तुम।

कवि – समुन्द्र सिंह पंवार
रोहतक , हरियाणा


Related Posts

Mere Dil Ne Uff Tak Na Ki

November 15, 2020

Mere Dil Ne Uff Tak Na Ki|मेरे दिल ने उफ्फ तक ना की  खाई थी गहरी चोट घाव भी था

poem- phul sa jis ko mai samjha

November 15, 2020

 poem- phul sa jis ko mai samjha    तुमको चाहा तुमको पायातुमको मैंने खो दियाजब भी तेरी याद आईसीपी शायर

Aye dil aao tumhe marham lga du

July 16, 2020

दोस्तों आज हम आपके लिए लाए है एक खूबसूरत रचना Aye dil aao tumhe marham lga du. तो पढिए और आनंद

Previous

1 thought on “kavita Dhairya na khona tum. samunder singh”

Leave a Comment