Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

poem

kavita Bebasi by Namita Joshi

  बेबसी हर सूं पसरा है सन्नाटा, हर निगाह परेशान क्यूँ है। गुलजा़र था जो मैदान कभी कहकहों से, आज …


  बेबसी

kavita Bebasi by Namita Joshi

हर सूं पसरा है सन्नाटा,
हर निगाह परेशान क्यूँ है।
गुलजा़र था जो मैदान कभी कहकहों से,
आज वो वीरान क्यूँ है।
ये वक्त ने बदली है सूरत,
हर दिल के टूटे अरमान क्यूं हैं।
हर सूं पसरा है सन्नाटा………
हर शख्स है परेशां,
हैरान हर इसां क्यूं है।
न दिन को ही है आराम ,
और नींद रातों की हराम क्यूँ है।
हर सूं पसरा है सन्नाटा…..
गर वक्त ने बदली है करवट,
तो दुश्वारियों में आवाम क्यूं है।
गुज़र तो फिर भी रही है ज़िन्दगी,
लेकिन ये मौत की कसमसाहट क्यूं है।
माना बेबस है हर इसां,
पर मजबूरियों में भगवान क्यूँ है।
वक्त है थम सा गया,
सारी कायनात सुनसान क्यूं है।
हर सूं पसरा है सन्नाटा,
हर निगाह परेशान क्यूँ है।
नमिता जोशी


Related Posts

मुस्कान में पराए भी अपने होते हैं

July 2, 2023

भावनानी के भाव मुस्कान में पराए भी अपने होते हैं   मुस्कान में पराए भी अपने होते हैं अटके काम

भारतीय संस्कार पर कविता

July 2, 2023

भावनानी के भाव भारतीय संस्कार पर कविता भारतीय संस्कार हमारे अनमोल मोती है प्रतितिदिन मातापिता के पावन चरणस्पर्श से शुरुआत

सुनो दिकु…..| suno diku…..(दिकु की दूरी )

June 29, 2023

सुनो दिकु….. तुम हो तो जीवन की खूबसूरती हैतुम हो तो सांसो में ताजगी है तुम्हारे बिना हर महफ़िल अधूरीतुम

अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस

June 29, 2023

अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस शीर्षक : अमूल्य जीवन और नशा जाने कितनों ने मांगी थी और महज़ कितनों ने पाई

टीबी समाप्त करने 2025 लक्ष्य निर्धारित हुआ है

June 29, 2023

भावनानी के भाव टीबी समाप्त करने 2025 लक्ष्य निर्धारित हुआ है टीबी समाप्त करना एक राष्ट्रीय कर्तव्य है सभी लिंग

पानी बचाने की ज़वाबदेही निभाना है

June 29, 2023

भावनानी के भाव पानी बचाने की ज़वाबदेही निभाना है पानी बचाने की ज़वाबदेही निभाना है हर मानव को ज़ल संरक्षण

PreviousNext

Leave a Comment