Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

poem

kavit-yaaden by narayan laal new delhi

यादें यादों को दिल में बसाए रखना,दिल के करीने में सजाए रखना.यादें बड़ी अनमोल हुआ करती हैं,हीरे-मोती हैं इसको बचाए …


यादें

kavit-yaaden by narayan laal new delhi

यादों को दिल में बसाए रखना,
दिल के करीने में सजाए रखना.
यादें बड़ी अनमोल हुआ करती हैं,
हीरे-मोती हैं इसको बचाए रखना.
ये चमने-अमन की दौलत है,
इसको हर पल सीने से लगाए रखना.
ये ऐतिहासिक शुकूने- चिराग है,
इसको हमेशा की तरह जलाये रखना.
यादें अगर मनहूस व कड़वी हो,
तो उसे दिल के किसी करीने में दफनाये रखना.
यादें अगर हसीन और खुबसूरत हो,
तो उसे दिल के सामने के दरबाजे पे सजाये रखना.
यादें तो हमें सताती हैं, यादें तो हमें रूलाती हैं.
यादें तो हमें हंसाती हैं,
यादें तो हमें स्पन लोक तक लाती हैं.
यादें तो हमें जगाती हैं, यादें तो हमें सुलाती हैं.
यादें तो बस यादें हैं हर पल याद में आती हैं,
ये हमसे दूर कभी नहीं हो पाती हैं.
नारायण लाल, नई दिल्ली
स्वरचित @सर्वाधिक सुरक्षित


Related Posts

रसेल और ओपेनहाइमर

रसेल और ओपेनहाइमर

October 14, 2025

यह कितना अद्भुत था और मेरे लिए अत्यंत सुखद— जब महान दार्शनिक और वैज्ञानिक रसेल और ओपेनहाइमर एक ही पथ

एक शोधार्थी की व्यथा

एक शोधार्थी की व्यथा

October 14, 2025

जैसे रेगिस्तान में प्यासे पानी की तलाश करते हैं वैसे ही पीएच.डी. में शोधार्थी छात्रवृत्ति की तलाश करते हैं। अब

खिड़की का खुला रुख

खिड़की का खुला रुख

September 12, 2025

मैं औरों जैसा नहीं हूँ आज भी खुला रखता हूँ अपने घर की खिड़की कि शायद कोई गोरैया आए यहाँ

सरकार का चरित्र

सरकार का चरित्र

September 8, 2025

एक ओर सरकार कहती है— स्वदेशी अपनाओ अपनेपन की राह पकड़ो पर दूसरी ओर कोर्ट की चौखट पर बैठी विदेशी

नम्रता और सुंदरता

नम्रता और सुंदरता

July 25, 2025

विषय- नम्रता और सुंदरता दो सखियाँ सुंदरता व नम्रता, बैठी इक दिन बाग़ में। सुंदरता को था अहम स्वयं पर,

कविता-जो अब भी साथ हैं

कविता-जो अब भी साथ हैं

July 13, 2025

परिवार के अन्य सदस्य या तो ‘बड़े आदमी’ बन गए हैं या फिर बन बैठे हैं स्वार्थ के पुजारी। तभी

Next

Leave a Comment