जीत निश्चित है–
लक्ष्य हो स्पष्ट तो ,आत्म विश्वास भरो।
दृढ़ संकल्प संग , मेहनत में जुट जाओ।
व्यवधान बहुत आयेग,हिम्मत रख बढ़ना।
इच्छा शक्ति के साथ,हर मुश्किल सहना ।
लोग बहुत बातें कर, दुर्बल करने प्रयत्न करेंगे।
बढ़ते जाना,चलते रहना,मंजिल पास मिलेगी।
रूकना नहीं,थमना नहीं,मंजिल तक जाना हैं।
विजय का फल ,इक रोज मिलेगा ही।
विजय निश्चित ही होती है,संघर्ष करने से।
आगे बढ़ जाते ,जो लक्ष्य उन्हीं को मिलता।
विजय का पर्चम फहराओ दृढ़ता से बढ़कर।
आगे ही आगे बढ़ायेगें कदम ।।
—-अनिता शर्मा झाँसी
—-मौलिक रचना






