Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

Aalekh, lekh

Gandhivad Darshan ka samgra avlokan by Satya Prakash Singh

 गांधीवाद दर्शन का समग्र अवलोकन-    “गांधी मर सकता है लेकिन गांधीवाद सदैव जिंदा रहेगा” अहिंसा के परम पुजारी दर्शनिक …


 गांधीवाद दर्शन का समग्र अवलोकन-

Gandhivad Darshan ka samgra avlokan  by Satya Prakash Singh

 

 “गांधी मर सकता है लेकिन गांधीवाद सदैव जिंदा रहेगा” अहिंसा के परम पुजारी दर्शनिक अराजकतावाद के प्रणेता गांधी जी ने स्वयं एक बार कहा था- “गांधीवाद जैसी कोई चीज नहीं है” मेरे कर्म ही मेरे विचार हैं। गांधीजी अपने विचारों की शुरुआत इस वाक्य से करते हैं कि मनुष्य स्वभाव से तो अच्छा होता है इसी अच्छाई को गांधी जी सत्य कहते हैं और “जो सत्य है वही ईश्वर है।” आज मानवता के लिए सबसे बड़ी बात यह है कि हम गांधी जी के युग में जन्म लिए हैं आज संपूर्ण विश्व में गांधीजी के नाम पर अनेकों अंतरराष्ट्रीय शांति के पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं जो इस बात का सूचक है कि इस अहिंसा का पुजारी ने सत्याग्रह के लिए आजीवन संघर्ष किया।  अमेरिका के गांधी मार्टिन लूथर किंग, दक्षिण अफ्रीका का गांधी नेल्सन मंडेला को कहा जाता है जो गांधी जी के नाम के पर्याय हैं। रस्किन की पुस्तक “ऑन टू दी लास्ट” को गांधी जी ने गुजराती भाषा में अनुवाद किया जिसमें सर्वोदय संबंधी विचार गांधीजी के परिलक्षित होते हैं जिसका अर्थ होता है एक साथ सब का उदय। गांधीजी का दार्शनिक अराजकतावाद टालस्टाय के विचारों से प्रभावित था जिसमें गांधी जी ने कई बार कहा जिसकी आत्मशक्ति मजबूत होगी उसी में प्रेम के सत्य का उदय होगा। जिस व्यक्ति का सत्य मजबूत होगा तभी वह पवित्र साधन से पवित्र साध्य प्राप्त कर सकता है। युद्ध या सामूहिक नरसंहार कायरों के हथियार हैं। गांधीजी राज्य को संगठित हिंसा मानते थे, इसके एक आत्म हीन यंत्र मानते थे इसलिए गांधीजी अराजकतावादियों की तरह राज्य को एक अनावश्यक बुराई भी मानते थे वह भी राज्य के उन्मूलन के पक्ष में थे ।एक राज्य विहीन समाज की वकालत करते थे उनका राज्य विहीन समाज रामराज्य कहलाता है ।इन्हीं विचारों के कारण गांधीजी को दार्शनिक अराजकतावादी भी कहा जाता है। यदि गांधी जी के आर्थिक विचारों को अवलोकन करें तो पता चलता है कि निजी संपत्ति का समर्थन तो करते हैं लेकिन वह अरस्तु की तरह संपत्ति को निजी तो मानते हैं पर सार्वजनिक उपभोग की बात करते हैं । इसीलिए गांधी जी ने न्यास धारिता का भी सिद्धांत दिया ।पूँजीपति सिर्फ संपत्ति का संरक्षक है। इस प्रकार गांधी जी अपने न्यास धारिता के सिद्धांत के द्वार  के द्वारा पूंजीवाद को एक मानवीय चेहरा भी प्रदान करते हैं। सर्वोदय संबंधी विचार के अंतर्गत गांधीजी कहते हैं कि सर्वोदय का अर्थ है कल का सूरज सबके लिये उदय होगा ,अमीरो की व्यक्तिगत संपत्ति का सूर्यास्त हो । अमीरो का नैतिक उदय और गरीब का भौतिक उदय। गांधीजी वर्ण व्यवस्था का समर्थन कर्म के आधार पर करते हैं वह जाति को तो मानते हैं लेकिन जातिवाद का विरोध करते हैं उनका कहना है यदि एक जमादार अपना कार्य इमानदारी से करता है तो वह उस ब्राम्हण वकील से श्रेष्ठ है जो अपने धंधे में बेईमानी करता है क्योंकि बेईमानी के धंधे में भी ईमानदारी होती है। गांधीजी के शिक्षा संबंधी विचार का समग्र अवलोकन करने से पता चलता है गांधी जी बुनियादी शिक्षा की जबरदस्त वकालत करते हैं उनके अनुसार शिक्षा मातृभाषा में होनी चाहिए शिक्षा का उद्देश्य आत्म विकास होना चाहिए, आत्मनिर्भरता होनी चाहिए इसलिए व्यवसाय शिक्षा की वकालत करते हैं जिसमें गांधी जी ने थ्री एच का सिद्धांत दिया था हेड, हैंड, हर्ट जिसका अर्थ दिमाग हाथ और दिल से कार्य करना चाहिए। गांधी जी अपने राजनीतिक विचारों के अंतर्गत ब्रिटिश संसद को वेश्या कहा क्योंकि वह जिस मंत्रिपरिषद का निर्माण करती है उसे अपने  में कर लेती है। गांधीजी ने धर्म विहीन राजनीति को भी वेश्या के समान बताया क्योंकि राजनीति में धर्म का समावेश अति आवश्यक है धर्म का समावेश राजनीति में गांधीजी नैतिकता को बताया हैं।

अंततः जीवन भर सत्य के लिए संघर्ष करने वाला अहिंसा का पुजारी हिंसा के द्वारा मारा गया यह संपूर्ण विश्व के लिए कितने दुर्भाग्य की बात है।

मौलिक लेख
 सत्य प्रकाश सिंह केसर विद्यापीठ इंटर कॉलेज प्रयागराज उत्तर प्रदेश


Related Posts

मानवीय सन्दर्भों के सशक्त रचनाकार डॉ. सत्यवान सौरभ

October 16, 2023

मानवीय सन्दर्भों के सशक्त रचनाकार डॉ. सत्यवान सौरभ विभिन्न विषयों के साथ-साथ खास तौर पर सम्पादकीय और दोहे लिखने की

कैश फॉर क्वेरी इन पार्लियामेंट

October 16, 2023

कैश फॉर क्वेरी इन पार्लियामेंट वर्ष 1951 में जब देश में प्रोविजनल सरकार थी तब से अभी तक सवाल पूछने

शिक्षकों की व्यथा व उनका निराकरण

October 14, 2023

शिक्षकों की व्यथा व  उनका निराकरण  शिक्षक मानवीय व्यक्तित्व निर्माता हैं इसलिए अपनी शिक्षण क्षमताओं में विकास और छात्रों में

सैकड़ो वर्षों बाद नौ शुभ योग में नवरातत्रा पर्व

October 14, 2023

सैकड़ो वर्षों बाद नौ शुभ योग में नवरातत्रा पर्व 15 – 23 अक्टूबर 2023 पर विशेष गज पर सवार होके

शादी-ब्याह: बढ़ता दिखावा-घटता अपनापन

October 14, 2023

शादी-ब्याह: बढ़ता दिखावा-घटता अपनापन भौतिकता की पराकाष्ठा के समय में जिसमें प्रत्येक कार्य व रिश्तों को धन की बुनियाद पर

इजरायल-हमास युद्ध – भारत नें ऑपरेशन अजय लॉन्च किया

October 14, 2023

इजरायल-हमास युद्ध – भारत नें ऑपरेशन अजय लॉन्च किया इजराइल ने फाइनल ऑपरेशन लिया हाथ में – भारत अमेरिका सहित

PreviousNext

Leave a Comment