Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

poem

Desh prem by Sudhir Srivastava

 देशप्रेम आज हम सब को एक साथ आना होगा मिलकर ये सौगंध सभी को लेना होगा, देशप्रेम का चढ़ रहा …


 देशप्रेम

Desh prem by Sudhir Shrivastava

आज हम सब को एक साथ आना होगा

मिलकर ये सौगंध सभी को लेना होगा,

देशप्रेम का चढ़ रहा जो छद्म आवरण

उससे हम सबको बचना बचाना होगा। 

ओढ़ रहे जो देश प्रेम का छद्म आवरण

नोंच कर वो आवरण नंगा करना होगा,

देशप्रेम के नाम पर भेड़िए जो शेर हैं

ऐसे नकली शेरों को बेनकाब करना होगा।

देशभक्तों पर उठ रही जो आज उँगलियाँ 

उन उँगलियों को नहीं वो हाथ काटना होगा,

देश में गद्दार जो कुत्तों जैसे भौंकते है,

ऐसे कुत्तों का देश से नाम मिटाना होगा।

जी रहे आजादी से फिर भी कितने हैं डर

डर का मतलब अब उन्हें समझाना होगा,

देश को नीचा दिखाते आये दिन जो गधे हैं रेंकते,

ऐसे गधों को अब उनकी औकात बताना होगा। 

उड़ा रहे संविधान का जब तब जो भी मजाक

भारत के संविधान का मतलब समझाना होगा,

समझ जायं तो अच्छा है देशप्रेम की बात

वरना समुद्र में उन्हें डुबाकर मारना ही होगा। 

● सुधीर श्रीवास्तव

      गोण्डा, उ.प्र.

      8115285921

©मौलिक, स्वरचित

21.07.2021


Related Posts

Peele Peele phoolon me ab jakar gungunana hai

February 8, 2021

 ग़ज़ल पीले पीले फूलों में अब जाकर गुनगुनाना हैरोने वाले को हंसाना है सोने वाले को जगाना है समय के

Zindagi me mere aana tera

February 6, 2021

 ग़ज़ल  ज़िन्दगी में मेरे आना तेरा प्यार हर पल मेरा, निभाना तेरा भूल जाऊं मैं कैसे तुझको सनम प्यार गंगा

Ishq me ankho se ashq ka behna jaruri

January 4, 2021

 Ishq me ankho se ashq ka behna jaruri यह गीत  ,कवि C. P. गौतम द्वारा रचित है , कवि C.

Bhatakte naav ka kinara ho tum – kavya

January 4, 2021

Bhatakte naav ka kinara ho tum – kavya यह काव्य ,कवि C. P. गौतम द्वारा रचित है , कवि C.

Beete lamho me jeena, zahar jaise peena

November 20, 2020

गीत तुम जहाँ भी रहोग़म का साया न होप्यार तुमको मिलेदर्द आया न होइस दीवानें की खुशियाँतुम्हें ही मिलेमाफ करना

swatantra prem aur partantra prem-kavya

November 15, 2020

swatantra prem aur partantra prem-kavya स्वतंत्र प्रेम और परतंत्र प्रेम -काव्य   जब प्रेम स्वतंत्र बहता है,बहती  है मोहक खुशियां, होता

Leave a Comment