Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

laghukatha, story

Dahej pratha story by Chanda Neeta Rawat

  दहेज प्रथा  गाजीपुर के एक छोटे से गाँव में एक किसान का संपन्न परिवार रहता था किसान का नाम …


  दहेज प्रथा

Dahej pratha story  by Chanda Rawat

 गाजीपुर के एक छोटे से गाँव में एक किसान का संपन्न परिवार रहता था किसान का नाम काशी राम था और पत्नी रामवती थी किसान के दो भाई थे किसान के दो बच्चे और उसके भाई के दो बच्चे थे किसान काशी राम का घर खेती से ही चलता था उसी में उसका परिवार बहुत ही खुश खुशहाल जीवन जीता था उसने अपने पुत्र से अधिक प्रिय अपनी पुत्री लालमणि थी वह अपने बच्चों को बहुत प्यार से लालन-पालन करता था और अच्छी शिक्षा देता था प्रतिदिन लालमणि और रमेश स्कूल जाया करते थे लालमणि अपने परिवार में एक होने के कारण सभी को अधिक प्रिय थी नाजो से पली-बढ़ी लाल बनी देखते-देखते कुछ इस समूह में युवती हो गई सुंदर युवती बन गई काशी राम ने लालमणि के बचपन से ही उसके विवाह की तैयारी करने लगा था युवती लालमणि को देखकर काशी राम के मन में विचार आने लगे थे कि अपने ना जो लालमणि का हाथ पीले करने का समय आ गया है काशी राम प्रति दिन दुगनी मेहनत मजदूरी करता है कि वह अपनी पुत्री का विवाह अच्छे से संपन्न कर सके लालमणि के मन में अनेकों सपने जगह लेने लगे , परिवार के प्रति वह विचार करने लगी कि अब हमें नए जीवन में प्रवेश करना है सच्चे साथी के रूप में राजकुमार की कल्पना करने लगी की कोई हम सफर आएगा लाख सपने चलने लगे उसके मन में इधर काशी राम ने अपने वर्ग में लालमणि की शादी के बात का प्रस्ताव लेकर नाथूलाल के बेटे नंदू से उसका विवाह तय किया नाथूलाल बहुत ही लालची व्यक्तित्व का व्यक्ति था की उसकी पत्नी भी बहुत ही लालची थी उन्होने दहेज की मांग की थी।कशी राम ने कहा जो मुझ गरीबी मे जुडे़गा वह मै दुगां। तो उन लोगो ने सहमती जताई विवाह तैंय हो गया।काशी राम ने बेटी के विवाह के लिए अपनी ज़िंदगी भर की पूंजी लगाई और अपने खेत तक को बेच  दिया। बारात के स्वागत के लिए अनमोल फल फूल मंगवाएं, मासूम भोला भाला काशी राम ने बहुत ही प्यार से खुशी-खुशी पूरे गाँव वालों को बोला दिया पूरा गाँव दियो से जगमगा दिया। बारात का स्वागत सत्कार बहुत ही अच्छे से संपन्न किया ।काशी राम का परिवार बहुत ही खुश, लालमणि का विवाह संपन्न हो गया। विदाई के समय उसके बहुत ही भारी मन से लालमणि को विदा किया काशी राम में किसान था इसलिए उसने अपनी लाडो को केवल प्यार और दुलार के साथ उसे अपने ससुराल विदा किया था।नये जीवन के लाख ख्वाहिश लिए एक आँगन छोड़ सपने सजाये दुसरे  आँगन नयी दुल्हन आयी । कुछ ही समय बीते थे काशी राम को संदेश आता है कि लालमणि की मृत्यु हो गई! उसे गले में कपड़े बांधकर गला घोट दिया गया ! लालमणि का कसूर बस इतना था कि वह एक गरीब किसान की बेटी थी जो शादी में इज्जत सम्मान और प्यार अपने पिता के घर से लेकर आई थी मासूमियत का गला घोट कर उसके सारे एहसासों अरमानों का अंत कर दिया गया। हत्या कर दी गई चंद  पैसों के लालच में रूढ़ीवादी  विचारधारा से बंधी इस समाज की सोच कब तक चलेगी, ज़िंदगी और  मौत का खेल में लाख लालमणि बली  चढ़ती होगीं हर रोज,  बंद कर दो यह सब  इस खेल का अंत  करो , इस दीमक को जो खा रहा समाज को 

मृत्यो के बाद पिता गरीब करता भी क्या बदहवास सा हो गया सारे गाँव मे मातम सा छा गया !

नाम- चन्दा नीता रावत
पता-   लंगपुरा औरंगाबाद वाराणसी


Related Posts

Story-संसार के सुख दुःख / sansaar ke dukh

November 5, 2022

 संसार के सुख दुःख  यूं तो शिखा इनकी बहन हैं लेकिन कॉलेज में मेरे साथ पढ़ती थी तो हम भी

कहानी–अंतिम सीढी/story Antim seedhi

October 30, 2022

 कहानी–अंतिम सीढी/story Antim seedhi मंदा ने अपनी बहन के लिए कुछ खाना बना के रख दिया और खुद तैयार हो

लघुकथा –भूख/Bhookh

October 27, 2022

 लघुकथा –भूख/Bhookh  कुछ दिन पहले की बात हैं, जिग्या जो मेरे घर खाना बनाने आती थी,उससे मैं सहज स्वभाव बाते

भाईदूज का उपहार/Hindi Story -bhaidooj ka uphar

October 23, 2022

Hindi Story -bhaidooj ka uphar. “(भाईदूज का उपहार”) माँ इस बार मैं आपकी नहीं सुनूँगा, दीदी की शादी को तीन

कहानी-अधूरी जिंदगानी (भाग-2)

September 27, 2022

कहानी-अधूरी जिंदगानी (भाग-2)            आप सभी तो रीना की उस जिंदगानी से वाकीफ़ ही होंगे जिसकी जिंदगानी

कहानी-अधूरी जिंदगानी

September 17, 2022

कहानी-अधूरी जिंदगानी         नाजों से पली थी रीना अपने मां-बाप के आंगन में , उसमें उसके मां-बाप के

PreviousNext

Leave a Comment