Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

kishan bhavnani, lekh

5 वां राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक (एसएफएसआई) 2023 जारी

5 वां राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक (एसएफएसआई) 2023 जारी भारत में खाद्य सुरक्षा पारिस्थितिकी तंत्र में सभी को सुरक्षित पौष्टिक …


5 वां राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक (एसएफएसआई) 2023 जारी

5 वां राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक (एसएफएसआई) 2023 जारी

भारत में खाद्य सुरक्षा पारिस्थितिकी तंत्र में सभी को सुरक्षित पौष्टिक भोजन का प्रावधान सुनिश्चित करना ज़रूरी

एफएसएसएआई खाद्य सुरक्षा के छह अलग-अलग पहलुओं में राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों के प्रदर्शन के मूल्यांकन इंडेक्स जारी करता है – एडवोकेट किशन भावनानी

गोंदिया – वैश्विक स्तरपर हर देश आज के प्रौद्योगिकी युग में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इंजीनियरिंग से लेकर स्पेस तक इस सृष्टि में पारिस्थितिकी तंत्र में अपने आप को नंबर वन बनाने में इतना मशगूल हो गया है किअपने लिए इत्मीनान से दोजून की रोटियां भी पौष्टिकता से सुरक्षित करने का समय नहीं है, जिसके कारण मानवीय स्वास्थ्य का स्तर गिरता जा रहा है, जिसके कारण बीमारियों ने घेर रखा है। आज ही मीडिया में जानकारी आई कि गुजरात के एक प्रतिष्ठित 41 वर्षीय चर्चित कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर जिसने 16 हजार से अधिक हार्ट सर्जरी की थी उसकी हार्टअटैक से मृत्यु हुई हालांकि यह कुदरती मौज है, परंतु जिस तरह से पाश्चात्य शैली संस्कृति से ओतप्रोत और जंक फूड खाद्य पदार्थों का प्रचलन कुछ वर्षों से अधिक बढ़ रहा है जिससे खाद्य सुरक्षा, पौष्टिकता की कमी को रेखांकित किया जा रहा है। हालांकि खाद्य से संबंधितभारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) नजर रखती है और इसकी सुरक्षा में कई कानून भी हैं। इसी क्रम में प्रतिवर्ष 7 जून को विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस भी मनाया जाता है।परंतु भारत में 2018-19 से एफएसएआई से राज्य सुरक्षा सूचकांक जारी करता है, जिसकी पूरी जानकारी नीचे विस्तृत रूप से दी गई है। चूंकि दिनांक 7 जून 2023 को देर शाम माननीय केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के हसते एफएसएसएआई ने 5 वा राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक 2023 जारी किया है, इसलिए आज हम पीआईबी और मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे, भारत में खाद्य सुरक्षा पारिस्थितिकी तंत्र में सभी का को सुरक्षित और पौष्टिक भोजन का प्रावधान सुनिश्चित करना ज़रूरी है।
साथियों बात अगर हम दिनांक 7 जून 2023 को देर शाम जारी 5 वें राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक 2023 की करें तो केंद्रीय मंत्री नेंवर्ष 2022-23 के लिए उनकी रैंकिंग के आधार पर विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की उपलब्धियों के लिए विजेताओं को सम्मानित किया। बड़े राज्यों में, केरल ने शीर्ष रैंकिंग हासिल की, उसके बाद पंजाब और तमिलनाडु, छोटे राज्यों में गोवा ने शीर्ष पर रहा और मणिपुर तथा सिक्किम क्रमश इसके बाद के क्रम में रहे। इसके अलावा केंद्र शासित प्रदेशों के बीच जम्मू और कश्मीर, दिल्ली और चंडीगढ़ ने क्रमश पहला, दूसरा और तीसरा स्थान हासिल किया। उन्होंने उन राज्यों की भी सराहना की जिन्होंने अपने राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक स्कोर में महत्वपूर्ण सुधार का प्रदर्शन किया।इसके अलावा, उन्होंने जिलों के लिए ईट राइट चैलेंज के दूसरे चरण के विजेताओं को भी सम्मानित किया। इन जिलों ने खाद्य पर्यावरण में सुधार और खाद्य सुरक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए योजनाओं को लागू करने में उत्कृष्ट प्रयासों का प्रदर्शन किया। असाधारण परिणाम वाले अधिकांश जिले उल्लेखनीय रूप से तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में स्थित थे। भाग लेने वाले 260 जिलों में से 31 ने सफलतापूर्वक 75 फ़ीसदी या उससे अधिक अंक प्राप्त किए।
साथियों बात अगर हम एसएफएसआई को जानने की करें तो खाद्य सुरक्षा के पांच महत्वपूर्ण मानकों पर राज्यों के प्रदर्शन को मापने के लिए 2018-19 में एफएसएसएआई द्वारा सूचकांक विकसित किया गया था।सूचकांक हमारे नागरिकों को सुरक्षित और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने में मदद करेगा।एफएसएसएआई. के अनुसार सूचकांक का उद्देश्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अपने प्रदर्शन में सुधार लाने और अपने अधिकार क्षेत्र में एक उचित खाद्य सुरक्षा पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करने की दिशा में काम करने के लिए प्रोत्साहित करना है। साथियों बात अगर हम एसएफएसआई के मापदंडों की करें तो खाद्य सुरक्षा के मापदंड एसएफएसआई. पांच प्रमुख मापदंडों पर राज्यों के प्रदर्शन को ध्यान में रखता है, जिनमें से प्रत्येक को मूल्यांकन में एक अलग वेटेज सौंपा गया है (1) मानव संसाधन और संस्थागत डेटा:यह 20 फ़ीसदी का भार वहन करता है।यह मानव संसाधनों की उपलब्धता को मापता है जैसे खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की संख्या,मनोनीत अधिकारियों की न्यायनिर्णयन की सुविधा और अपीलीय न्यायाधिकरण आदि।(2) अनुपालन-यह उच्चतम भारांक का 30 फ़ीसदी वहन करता है।यह सबसे महत्वपूर्ण मानदंड है और राज्य/संघ राज्य क्षेत्रों के आकार और जनसंख्या के अनुरूप लाइसेंसिंग और पंजीकरण में खाद्य व्यवसायों के समग्र कवरेज को मापता है, विशेष अभियान और शिविर आयोजित करता है, राज्य लाइसेंस / पंजीकरण जारी करने में वार्षिक वृद्धि, मुस्तैदी और प्रभावशीलता।उपभोक्ताओं की शिकायतों पर ध्यान देने में तत्परता और हेल्प डेस्क और वेब पोर्टल की उपलब्धता भी इस पैरामीटर के अंतर्गत आते हैं। (3) खाद्य परीक्षण- अवसंरचना और निगरानी:20 फ़ीसदी पर भारित, यह खाद्य नमूनों के परीक्षण के लिए राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों में प्रशिक्षित जनशक्ति के साथ पर्याप्त परीक्षण बुनियादी ढांचे की उपलब्धता को मापता है।यह मोबाइल खाद्य परीक्षण प्रयोगशालाओं की उपलब्धता और प्रभावी उपयोग और इन्फोक नेट (भारतीय खाद्य प्रयोगशालाओं नेटवर्क) के पंजीकरण और उपयोग को ध्यान में रखता है। (4) प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण:इस पैरामीटर में सबसे कम भारांक 10 फ़ीसदी होता है।यह नियामक कर्मचारियों के प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण पर राज्यों के प्रदर्शन को मापता है।(5)उपभोक्ता अधिकारिता इसमें 20 फ़ीसदी का भार होता है।यह एफएसएसएआई की विभिन्न उपभोक्ता सशक्तिकरण पहलों पर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रदर्शन का मूल्यांकन करता है, जैसे कि फूड फोर्टिफिकेशन, ईट राइट कैंपस, भोग (भगवान को आनंदमय हाइजीनिक भेंट), रेस्तरां की स्वच्छता रेटिंग, स्वच्छ स्ट्रीट फूड हब, आदि।इसके अलावा इस पैरामीटर के तहत उपभोक्ता जागरूकता पैदा करने के लिए राज्यों की पहल पर भी विचार किया जाता है।
साथियों बात अगर हम एफएसएसएआई की करें तो भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के तहत स्थापित एक स्वायत्त वैधानिक निकाय है।स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार एफएसएसएआई का प्रशासनिक मंत्रालय है।मुख्यालय: दिल्ली एफएसएस अधिनियम, 2006 विभिन्न अधिनियमों और आदेशों को समेकित करता है जो पहले विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में खाद्य संबंधी मुद्दों को संभालते थे, जैसेभारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण , खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 (एफएसएस अधिनियम) के तहत स्थापित एक स्वायत्त वैधानिक निकाय है।स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार एफएसएसएआई का प्रशासनिक मंत्रालय है।मुख्यालय: दिल्ली एफएसएस अधिनियम, 2006 विभिन्न अधिनियमों और आदेशों को समेकित करता है जो पहले विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में खाद्य संबंधी मुद्दों को संभालते थे, जैसे-खाद्य अपमिश्रण निवारण अधिनियम, 1954 फल उत्पाद आदेश, 1955 मांस खाद्य उत्पाद आदेश, 1973 वनस्पति तेल उत्पाद (नियंत्रण) आदेश, 1947 खाद्य तेल पैकेजिंग (विनियमन) आदेश 1988दूध और दुग्ध उत्पाद आदेश, 19921)(1)खाद्य अपमिश्रण निवारण अधिनियम, 1954(2)फल उत्पाद आदेश, 1955(3)मांस खाद्य उत्पाद आदेश, 1973(4)वनस्पति तेल उत्पाद (नियंत्रण) आदेश, 1947(5)खाद्य तेल पैकेजिंग (विनियमन) आदेश1988(6)दूध और दुग्ध उत्पाद आदेश, 1992
साथियों बाद आम बजट 2023 की केंद्रीय निधि में खाद्य सुरक्षा में 31फ़ीसदी की कमी की करें तो वित्त वर्ष 2023-24 के लिए, केंद्र ने खाद्य सब्सिडी के लिए 1,97,350 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जो पिछले वर्ष के संशोधित अनुमानों (आरई) 2,87,194.05 करोड़ रुपये की तुलना में 31.28 प्रतिशत कम है। आवंटन में यह कमी वित्त वर्ष 2020-21, वित्त वर्ष 2021-22 और वित्त वर्ष 2022-23 में आवंटन में उल्लेखनीय वृद्धि के बाद आई है, जो विशेष रूप से पीएमजीकेएवाय के तहत कोविड-19 महामारी राहत पैकेज के हिस्से के रूप में परिवारों को प्रदान किए गए अतिरिक्त खाद्यान्न के कारण है।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि 5 वां राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक (एसएफएसआई) 2023 जारी।भारत में खाद्य सुरक्षा पारिस्थितिकी तंत्र में सभी को सुरक्षित पौष्टिक भोजन का प्रावधान सुनिश्चित करना ज़रूरी एफएसएसएआई खाद्य सुरक्षा के छह अलग-अलग पहलुओं में राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों के प्रदर्शन के मूल्यांकन इंडेक्स जारी करता है।

About author

कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुख़दास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र
कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट 
किशन सनमुख़दास भावनानी 
गोंदिया महाराष्ट्र

Related Posts

Jeevan aur samay chalte rahenge aalekh by Sudhir Srivastava

September 12, 2021

 आलेख        जीवन और समय चलते रहेंगें              कहते हैं समय और जीवन

Badalta parivesh, paryavaran aur uska mahatav

September 9, 2021

बदलता परिवेश पर्यावरण एवं उसका महत्व हमारा परिवेश बढ़ती जनसंख्या और हो रहे विकास के कारण हमारे आसपास के परिवेश

Jungle, vastavikta he jiski khoobsurati hai

September 9, 2021

 Jungle, vastavikta he jiski khoobsurati hai जंगल स्वतंत्रता का एक अद्वितीय उदाहरण है, जहां कोई नियम नहीं , जिसकी पहली

covid 19 ek vaishvik mahamaari

September 9, 2021

 Covid 19 एक वैश्विक महामारी  आज हम एक ऐसी वैश्विक आपदा की बात कर रहे है जिसने पूरे विश्व में

avsaad se kaise bahar aaye ?

September 9, 2021

avsaad se kaise bahar aaye ?|अवसाद से बाहर कैसे निकले? अवसाद आज के समय की एक गंभीर समस्या है, जिससे

Slow Zindagi

September 9, 2021

Slow Zindagi दोस्तों आज हम आपके लिए लाए है एक खूबसूरत लेख Slow Zindagi . तो पढिए इस खूबसूरत लेख Slow

Leave a Comment