Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

kishan bhavnani, lekh

44 वें विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून 2023 पर विशेष Special on 44th World Environment Day 5th June 2023

44 वें विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून 2023 पर विशेष आओ पर्यावरण की रक्षा कर धरती को स्वर्ग बनाएं – …


44 वें विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून 2023 पर विशेष

44 वें विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून 2023 पर विशेष Special on 44th World Environment Day 5th June 2023

आओ पर्यावरण की रक्षा कर धरती को स्वर्ग बनाएं – प्लास्टिक प्रदूषण को मात देने मुहिम ज़रूरी

प्रकृति और पर्यावरण ब्रह्मांड को सुचारू तौर पर चलाने में अभूतपूर्व भूमिका निभाते हैं, जिससे सुरक्षित रखना परम माननीय धर्म है – एडवोकेट किशन भावनानी

गोंदिया – वैश्विक स्तरपर प्रति वर्ष की तरह इस वर्ष भी 5 जून 2023 को 44 वां विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जा रहा है है क्योंकि वर्तमान कुछ दशकों से पर्यावरण संबंधी त्रासदी का सामना वैश्विक स्तरपर हर देश कर रहा है इसलिए पर्यावरण सुरक्षा को गंभीरता से रेखांकित करना हर देश के हर नागरिक के लिए तात्कालिक जरूरी है हो गया है। हालांकि हर देश में पर्यावरण सुरक्षा को लेकर 5 जून को पर्यावरण सुरक्षा संबंधी कार्यक्रम रखे जाते हैं परंतु अब समय आ गया है कि वैश्विक स्तरपर हर नागरिक को विश्व पर्यावरण दिवस पर पर्यावरण की सुरक्षा अपने निजी, व्यक्तिगत कार्य मानते हुए इस वर्ष की थीम प्लास्टिकप्रदूषण को मात, सफल बनाने के लिए कम से कम 5 संकल्प लेने की ज़रूरत है। पृथ्वी की संरचना,सूर्य से उसकी दूरी और अन्य भौतिक दशाओं के कारण यहां जीवन का अस्तित्व है। हवा, पानी मिट्टी और विविध वनस्पतियां प्रकृति के ऐसे उपहार हैं, जिनकी वजह से धरती पर जीवन संभव हुआ है। पृथ्वी पर जीवन के विभिन्न रूप इसे एक अनूठा ग्रह बनाते हैं परंतु हम लंबे समय से पृथ्वी के प्राकृतिक तंत्र का उपभोग शोषण और विनाश कर रहे हैं।अब वक्त आ गया है कि उक्त संकल्प लेकर तीव्रता से इसकी सुरक्षा करनी होगी जिसको गंभीरता से रेखांकित करने की ज़रूरत है ताकि हम आने वाली अनेक पीढ़ियों के लिए सुरक्षित पर्यावरण व्यवस्था को छोड़कर जाएं ताकि हम उनकी आलोचना, घृणा और नफ़रत के पात्र होने से अपने आप को बचा कर खुद वर्तमान जीवन सुरक्षित होकर जीएं।
साथियों बात अगर हम इस सृष्टि में में पर्यावरण के महत्व की करें तो धरती को इंसान के रहने योग्य बनाने के लिए प्रकृति व पर्यावरण को सुरक्षित रखना चाहिए।पर्यावरण और धरती जीवन जीने के लिए सबसे जरूरी चीजें उपलब्ध कराती है, जैसे सांस लेने के लिए हवा और पेट भरने के लिए भोजन पानी। हालांकि धरती को जीने के लिए एक अच्छे वातावरण की जरूरत होती है, जो प्रकृति देती है। प्रकृति और पर्यावरण ब्रह्मांड को सुचारू तौर पर चलाने का काम करता है। प्रकृति हमें जीने के लिए बहुत कुछ देती है हालांकि इंसान बदले में प्रकृति का दोहन करता है और पर्यावरण को प्रदूषित करता है। इससे प्रकृति को नुकसान होता है और जनजीवन खतरे में पड़ जाता है। इंसान का कर्तव्य है कि ग्लोबल वार्मिंग, मरीन पॉल्यूशन के बढ़ते खतरे और बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रित करें, ताकि पर्यावरण को सुरक्षित रखा जा सके। इसी कर्तव्य के प्रति लोगों को सचेत करने के लिए प्रतिवर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है।
साथियों बात अगर हम हमारे जीवन में पर्यावरण के महत्व की करें तो ये पृथ्वी इंसान को दी हुई ईश्वर की सबसे बड़ी देन है, लेकिन इंसान का स्वभाव ही ऐसा है कि उसे चीजों की कदर तभी होती है जब वो उसे खो देता है। इंसान की गलतियों काखामियाजा पृथ्वी को भुगतना पड़ता है।इंसान का जीवन धरती के वातावरण के कारण अस्तित्व में है। हमारे सांस लेने के लिए हवा से लेकर खाने पीने तक की हर जरूरी चीजें वातावरण उपलब्ध कराता है और धरती पर जीने के लिए अनुकूल माहौल देता है। यह सब प्रकृति की देन है। प्रकृति और पर्यावरण से ही ब्रह्मांड सुचारू रूप से चल पाता है। प्रकृति तो हमें जीने के लिए बहुत कुछ देती है लेकिन इसके बदले में इंसानों ने प्रकृति का सिर्फ दोहन किया और पर्यावरण को प्रदूषित किया। जिससे प्रकृति को तो नुकसान हो ही रहा है, साथ ही जनजीवन का अस्तित्व भी खतरे में है। ऐसे में हर इंसान का कर्तव्य है कि वह पर्यावरण को सुरक्षित रखने का प्रयास करें। ग्लोबल वार्मिंग, मरीन पॉल्यूशन के बढ़ते खतरे और बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रित करें, ताकि पर्यावरण की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। इसके लिए हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है।
साथियों बात अगर हम विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून 2023 की थीम की करें तो इस वर्ष, 2023, विश्व पर्यावरण दिवस 2023 की थीम प्लास्टिक प्रदूषण को मात है , जो विश्व पर्यावरण दिवस की 51वीं वर्षगांठ है और प्लास्टिकप्रदूषण से निपटने के लिए एक वैश्विक आह्वान है।प्लास्टिक प्रदूषण शब्द का अर्थ अपशिष्ट प्लास्टिक उत्पादों के संचय और पृथ्वी के पारिस्थितिक तंत्र के कणों से है। एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक के उपयोग में घातीय वृद्धि के कारण यह पर्यावरण संबंधी चिंताओं में सबसे आगे बढ़ गया है विकासशील देशों में प्रति व्यक्ति अधिक प्लास्टिक कचरा उत्पन्न होता है, जहां कचरा संग्रहण प्रणाली खराब होती है। इसके कारण समुद्र को प्रदूषित करने वाला अधिकांश प्लास्टिक विकासशील और मध्यम आय वाले देशों की नदियों में उत्पन्न होता है। हालाँकि, विकसित राष्ट्र, विशेष रूप से कम पुनर्चक्रण दर वाले, भी प्लास्टिक अपशिष्ट संग्रह के साथ संघर्ष करते हैं।2019 में, वैश्विक स्तर पर 46 करोड़ टन प्लास्टिक डंप किया गया था, जहां 9 प्रतिशत प्लास्टिक कचरे को रिसाइकिल किया गया था, और 22 प्रतिशत का कुप्रबंधन किया गया था। हालांकि 120 से अधिक देशों में एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक पर किसी न किसी रूप में प्रतिबंध या कर है, लेकिन यह समस्या को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित नहीं करता है।अधिकांश नियम प्लास्टिक की थैलियों जैसी वस्तुओं पर ध्यान केंद्रित करते हैं, जो प्लास्टिक कचरे के एकनगण्य हिस्से के लिए खाते हैं, लेकिन प्लास्टिक की खपत को कम करने के बजाय कूड़े कोमहत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करते हैं। यह प्लास्टिक के उपयोग और इसके खतरनाक पर्यावरणीय प्रभावों के बारे में जागरूकता फैलाने के महत्व को बताता है।इस दिन, दुनिया के विभिन्न कोनों से लोग प्लास्टिक प्रदूषण के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए आगे आते हैं और प्लास्टिक के प्रतिस्थापन में स्थायी समाधान खोजने के लिए स्थानीय अधिकारियों, उद्योगों, समुदायों और व्यक्तियों को एकजुट करना चाहते हैं।
साथियों बात अगर हम मानवीय जीवन को बचाने, सुरक्षित करने कम से कम पांच कठोर संकल्पों की करें तो,पर्यावरण दिवस पर(1) संकल्प लें कि पॉलीथिन या प्लास्टिक के इस्तेमाल पर पूरी तरह से रोक लगाने का प्रयास करेंगे। प्रकृति के सबसे बड़े दुश्मन पॉलीथिन और प्लास्टिक ही हैं। ऐसे में खुद तो हम इनका इस्तेमाल नहीं करेंगे, साथ ही किसी अन्य को पॉलीथिन या प्लास्टिक का इस्तेमाल करते देखेंगे तो उसे भी पर्यावरण के प्रति जागरूक करेंगे। (2) प्रकृति पेड़ पौधों पर निर्भर है। लेकिन आजकल अंधाधुंध पेड़ पौधों की कटाई हो रही है। पेड़ पौधों की कटाई से ऑक्सीजन की कमी होने के साथ ही मौसम चक्र भी बिगड़ रहा है। इस कारण कई भीषण प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में संकल्प लें कि पेड़ पौधों की कटाई बंद करके अधिक से अधिक पौधारोपण करेंगे, ताकि प्रकृति को अब तक हुए नुकसान का भरपाई हो सके। (3) घर से निकलने वाले कचरे को सही स्थान पर पहुंचाएंगे। हर दिन हमारे घर से बहुत सारा कचरा निकलता है। जिसको लोग इधर-उधर फेंक देते हैं। इसके कचरा या तो जानवरों के पेट में जाता या फिर नदियों में बह जाता है। इस कारण हमारी नदियां भी प्रदूषित होती हैं। कचरे को इधर उधर न फेंकें बल्कि उसे कूड़ेदान में ही डालें। सूखे और गीले कचरे को अलग अलग करके उसे फेंके, ताकि उसका सही तरीके से इस्तेमाल हो सके। (4) वातावरण को शुद्ध और सुरक्षित रखने में पेड़ पौधे, धरती, मिट्टी, जीव-जंतु, जल आदि की अहम भूमिका है, इसलिए इस मौके पर इस सभी का आभार व्यक्त करते हुए प्रार्थना करें कि पर्यावरण का संतुलन हमेशा बना रहें और संकल्प लें कि पर्यावरण को संतुलित और सुरक्षित रखने के लिए जो कुछ भी करना पड़े, हम करेंगे। (5) किसी व्यक्ति का जीवन सांस लेने से चलता है और सांस लेने के लिए शुद्ध हवा की जरूरत होती है। इसलिए विश्व पर्यावरण दिवस पर संकल्प लीजिए कि सांस लेने के लिए स्वच्छ हवा हो, इसके लिए हम पेट्रोल-डीजल के बदले ई वाहन का उपयोग करेंगे। ज्यादा से ज्यादा पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करेंगे। (6) अभी 2 दिन पहले ही 3 जून 2023 को हमने विश्वसाइकिल दिवस मनाया है जिसे अधिक से अधिक उपयोग में लाने का संकल्प हमें लेना है।
साथियों बात अगर हम विश्व पर्यावरण दिवस मनाने के इतिहास की करें तो विश्वपर्यावरण दिवस पृथ्वी पर मानवता केप्रभाव के बारे में बढ़ती चिंता के कारण अस्तित्व में आया था। राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) इस उत्सव के पीछे प्राथमिक एजेंसी है। पर्यावरण के मुद्दों के बारे में आम लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए ये दिवस मनाया जाता है। पर्यावरण दिवस सामूहिक कार्रवाई के लिए एक मंच प्रदान करता है। यह परिवर्तन को प्रभावित करने के लिए आवाजों को बढ़ाने और प्रतिभागियों की एजेंसी को मजबूत करने में भी मदद करता है। वर्ष 1972 में स्टॉकहोम में संयुक्तराष्ट्र ने पहला वैश्विक पर्यावरण सम्मलेन आयोजित किया था। इसमें 119 देशों ने हिस्सा लिया था। इस सम्मलेन का मुख्य विषय बढ़ता पर्यावरण प्रदूषण था। भारत की ओर से इस सम्मलेन में इंदिरा गांधी ने नेतृत्व किया था। इसी सम्मेलन में (यूएनईपी) का गठन भी हुआ और प्रतिवर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाने का निर्णय लिया गया था। भारत की ओर से नेतृत्व कर रही इंदिरा गांधी ने बिगड़ती पर्यावरण की दशा और भविष्य में होने वाले उसके प्रभाव पर व्याख्यान भी दिया था।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि 44 वें विश्वपर्यावरण दिवस 5 जून 2023 पर विशेष।आओपर्यावरण की रक्षा कर धरती को स्वर्ग बनाएं – प्लास्टिक प्रदूषण को मात देने मुहिम जरूरी है।प्रकृति और पर्यावरण ब्रह्मांड को सुचारू तौर पर चलाने में अभूतपूर्व भूमिका निभाते हैं, जिससे सुरक्षित रखना परम माननीय धर्म है।

About author

कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुख़दास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र
कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट 
किशन सनमुख़दास भावनानी 
गोंदिया महाराष्ट्र

Related Posts

janmdin jeevanyatra by Maynuddin Kohri

July 25, 2021

जन्मदिन —- जीवनयात्रा  आजादी के बाद के काले बादल छट जाने के बाद देश मे अमन चैन,गणतन्त्र भारत की सुखद

Guru govind dono khade kako lagu paye by jayshri birmi

July 23, 2021

गुरु गोविंद दोनो खड़े काको लागू पाए अपने देश में गुरु का स्थान भगवान से भी ऊंचा कहा गया है।

Naari gulami ka ek prateek ghunghat pratha by arvind kalma

July 23, 2021

नारी गुलामी का एक प्रतीक घूंघट प्रथा भारत में मुगलों के जमाने से घूँघट प्रथा का प्रदर्शन ज्यादा बढ़ा क्योंकि

OTT OVER THE TOP Entertainment ka naya platform

July 23, 2021

 ओटीटी (ओवर-द-टॉप):- एंटरटेनमेंट का नया प्लेटफॉर्म ओवर-द-टॉप (ओटीटी) मीडिया सेवा ऑनलाइन सामग्री प्रदाता है जो स्ट्रीमिंग मीडिया को एक स्टैंडअलोन

Lekh jeena jaruri ya jinda rahna by sudhir Srivastava

July 23, 2021

 लेखजीना जरूरी या जिंदा रहना        शीर्षक देखकर चौंक गये न आप भी, थोड़ा स्वाभाविक भी है और

Ram mandir Ayodhya | Ram mandir news

July 21, 2021

 Ram mandir Ayodhya | Ram mandir news  इस आर्टिकल मे हम जानेंगे विश्व प्रसिद्ध राम मंदिर से जुड़ी खबरों के

Leave a Comment