Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

lekh

26 नवंबर – जयश्री विरमी

26 नवंबर  क्या भूल पाएंगे हम इस तारीख को? इतिहास में बहुत तारीखे हैं जिन्हे हम भूल नहीं पाएंगे,उन्ही में …


26 नवंबर 

26 नवंबर  - जयश्री विरमी
क्या भूल पाएंगे हम इस तारीख को? इतिहास में बहुत तारीखे हैं जिन्हे हम भूल नहीं पाएंगे,उन्ही में से एक हैं ये भी।अपने देश में १९८७ से पहले से ये युद्ध का पर्याय कहों या छोटा गैर सैनिक युद्ध कहो किंतु  हो रहा हैं बार बार एक समय के अंतराल पर,जिसमे निर्दोष जानें जा रही हैं।पंजाब में भी कोई न कोई बहाना बनाकर अशांति फैलाने की कोशिश की जा रही हैं।पहले १३ दिसंबर २००१ के दिन हुआ संसद पर हमला हुआ जो लोकशाही का मंदिर हैं जहाँ की पवित्रता का हनन किया गया था। जिसमे २४ लोगों  की जानें गई और १८ लोग घायल हुए।वहां पर एक घायल सैनिक ने भी अपनी आपबीती बताई थी जो दिल को छू लेने वाली थी।ये हमलें की जिम्मेवारी जैशे मोहम्मद और लश्करे तोइबा जैसे आतंकवादी संगठनों ने ली थी ।२६ नवम्बर २००८ के दिन लश्करे तोइबा के चरम पंथियों ने मुंबई की कई प्रतिष्ठित जगहों पर हमलें किए थे,  जिसमें  लियोपोल्ड कैफे  और होटल ताज,छत्रपति शिवाजी टर्मिनस जहां बहुत सारे यात्री मौजूद थे ।होटल ओबेरॉय में भी हमला हुआ, कामा अस्पताल  के बाहर भी एक पुलिस वान को अगुवा कर अस्पताल में घुसे जिसमे हुई  गोलीबारी में आतंकवाद निरोधक दस्ते के प्रमुख हेमंत करकरे और अशोक कामटे मारे गए।नरीमन हाउस पर भी हमला कर बहुत सारे बंधक बनाया था।जहां मदद करने के लिए साथ वाली बिल्डिंग में कमांडोज को हेलीकॉप्टर से उतरना पड़ा था।और सबसे बड़ा हमला होटल ताज पर हुआ जो १०५ साल पुरानी हैं,जिसके गुम्बद में लगी भयावह आग आज भी लोगों को याद हैं।जब हमला हुआ तो लोग खाना खा रहे थे और अंधाधुंध गोलियां चलने लगी और अफरातफरी हो गई।३१ लोग मारे गए और  सुरक्षा कर्मचारियों  ने ४ हमलावरों को मार दिया था। तुकाराम ओमले को ४० गोलियां लगी थी फिर भी उन्होंने एके ४७ लिए हुए महम्मद कसाब जिंदा पकड़ा भागने नहीं दिया।तुकाराम इसी कारण उन्हें हमेशा याद किए जायेंगे। उनको खुद को बहुत सारी गोलियां लगी होने के बावजूद उसे छोड़ा नहीं था।

 ऐसा क्यों हो रहा हैं बार बार हमारे साथ? कश्मीर में भी ये इतने सालों से हो रहा हैं।जिसमे बेकसूर लोगों को मारा जाता हैं और उनसे लड़ने में हमारे कई जवान शहीद हो गए हैं।

 इसके अलावा देश के कई हिस्सों में आयेदिन ऐसे हमले होते रहे हैं।१९४७ से शुरू हुई प्रॉक्सी वार हैं जो कश्मीर में कबालियों के भेष में उनके सैनिकों ने हमला कर दिया और आधा कश्मीर पाकिस्तान के कब्जे में चला गया।ऐसा क्यों हो रहा हैं ये समझने वाली बात हैं।पड़ोसी देश से आए आतंकी तो हमेशा ही आतंक फैला हत्याएं करने को तैयार बैठे हैं लेकिन हमारी सुरक्षा व्यवस्था की और से लिए गए कदमों से कई ऐसे आतंकियों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया जाता हैं लेकिन कुछ वारदातें फिर भी हो जाती हैं जिसमे बेगुनाह लोग और अपने सुरक्षादल के सिपाही भी मारे जाते हैं।क्या अपने सुरक्षा कर्मचारियों की कीमत पर उनको मार गिराना ठीक हैं क्या? १० के बराबर भी १ सैनिक नहीं हैं,१०० आतंकवादियों को मार कर भी एक सैनिक को खोना हमे पहुंचता नहीं हैं। ये बहुत महंगा व्यवहार हैं।क्यों हमने १९४७ में,२००१ में ,२००८ में सभी हमलों के बाद हमने उन्हें क्यों न सख्त कदम उठा के पाठ पढ़ाया गया?

 क्या हमे सौ सुनार की और एक लुहार की वाली नीति को अपना कर उनके पर बड़ा वार करदेना चाहिएं? आज तक हम टहनियां और  पत्तों को मार रहें थे उनकी जड़ों को उखाड़ फेंकना बाकी हैं अभी।कब होगा ये तो पता नहीं लेकिन जब तक आतंक की जड़े जमी पड़ी हैं तब तक आतंक का उत्पाद होता ही रहेगा।क्या उन जड़ों पर वार करने से ही आतंकवाद का खात्मा होगा ये बात सौ फीसदी तय हैं।कश्मीर भी आतंकित रहेगा और देश के दूसरे हिस्सों में भी आतंकी हमले होते रहेंगे।

जयश्री बिरमी
अहमदाबाद


Related Posts

सावधानी से चुने माहौल, मित्र एवं जीवनसाथी

सावधानी से चुने माहौल, मित्र एवं जीवनसाथी

May 26, 2024

सावधानी से चुने माहौल, मित्र एवं जीवनसाथी अगर आप विजेता बनना चाहते हैं, तो विजेताओं के साथ रहें। अगर आप

विचारों की भी होती है मौत

विचारों की भी होती है मौत

May 26, 2024

प्रत्येक दिन दिमाग में 6,000 विचार आते हैं, इनमें 80% नकारात्मक होते हैं। इन नकारात्मक विचारों से दूर रहने के

स्पष्ट लक्ष्य, सफलता की राह

स्पष्ट लक्ष्य, सफलता की राह

May 26, 2024

स्पष्ट लक्ष्य, सफलता की राह तीरंदाज एक बार में एक ही लक्ष्य पर निशाना साधता है। गोली चलाने वाला एक

जो लोग लक्ष्य नहीं बनाते हैं, | jo log lakshya nhi banate

जो लोग लक्ष्य नहीं बनाते हैं, | jo log lakshya nhi banate

May 26, 2024

 जो लोग लक्ष्य नहीं बनाते हैं, वे लक्ष्य बनाने वाले लोगों के लिए काम करते हैं। यदि आप अपनी योजना

हर दिन डायरी में कलम से लिखें अपना लक्ष्य

हर दिन डायरी में कलम से लिखें अपना लक्ष्य

May 26, 2024

हर दिन डायरी में कलम से लिखें अपना लक्ष्य सबसे पहले अपने जिंदगी के लक्ष्य को निर्धारित करें। अपने प्रत्येक

महिलाएं पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्राचीन काल से जागरूक रही

महिलाएं पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्राचीन काल से जागरूक रही

May 26, 2024

महिलाएं पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्राचीन काल से जागरूक रही पर्यावरण शब्द का चलन नया है, पर इसमें जुड़ी चिंता

Leave a Comment