Follow us:
Register
🖋️ Lekh ✒️ Poem 📖 Stories 📘 Laghukatha 💬 Quotes 🗒️ Book Review ✈️ Travel

kanchan chauhan, poem

होली के रंग | Holi ke rang

होली के रंग लाल गुलाबी नीले पीले,कई रंगों से रंगी हुई होली आई होली आई, धरती लग रही सजी धजीरंग …


होली के रंग

होली के रंग | Holi ke rang
लाल गुलाबी नीले पीले,कई रंगों से रंगी हुई

होली आई होली आई, धरती लग रही सजी धजी
रंग बिरंगे फूल और कलियां,बाग, बगीचे खिले हुए।
होली के रंगों के जैसे दिल सबके हैं मिले हुए।
आस-पास और गली गुवाड़ में, लोग रमे हैं रम्मत में।
बाजारों की रौनक देखो,कई गुणा है बढ़ी हुई।
ऐसे में कोई शिकवा गिला है, होलिका में दहन करो।
सब बीती बातों को भुलाकर, दिल से सब को माफ़ करो।
होली के रंगों के जैसे जीवन में सब रंग भरो।

–कंचन चौहान 

Related Posts

सात सुरों से भर दो | saat suron se bhar do kavita

July 28, 2023

सात सुरों से भर दो सात सुरों से भर दो बेरंग सी हुई मेरी दर्द-ए जिंदगी में, रंग भर दो

नव वसंत | Nav basant by priti Chaudhary

July 24, 2023

नव वसंत नव वसंत तुम लेकर आना, पतझर सा है यह जीवन। सूख चुकी है सब शाखाएँ, झरते नित ही

कविता -जीभ|ज़बान | kavita :jeebh | jaban

July 21, 2023

कविता -जीभ|ज़बान | kavita:jeebh | jaban आवाज़ की तेरे मैं साथी,स्वाद से कराती तेरी पहचान।चाहे हो भोजन या फिर रिश्ते,मेरा

जाने किसने… | Jaane kisne…

July 20, 2023

जाने किसने… डूब रहा आकंठ आज मन, भावों के आकर्षण में। जाने किसने गंध बिखेरी, मेरे मानस दर्पण में।। यादों

इसांनियत पर कविता| insaniyat par kavita

July 20, 2023

भावनानी के भाव इसांनियत को जाहिर कर स्वार्थ को मिटाना है इसांनियत को जाहिर कर स्वार्थ को मिटाना हैबस यह

परिवार से बड़ा सृष्टि में कोई लोक नहीं

July 18, 2023

भावनानी के भाव परिवार से बड़ा सृष्टि में कोई लोक नहीं परिवार से बड़ा सृष्टि में कोई लोक नहींबहन से

PreviousNext

Leave a Comment